नई दिल्ली. पोर्ट्स, एयरपोर्ट और स्टील के बाद अब भारत के दूसरे सबसे अमीर शख्स और अडानी समूह के प्रमुख गौतम अडानी ऑटोमोबाइल सेक्टर में प्रवेश करने की योजना बना रहे हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, अडानी समूह की इकाई एसबी ट्रस्ट को जमीन और पानी पर चलने वाले वाहनों के लिए ‘अडानी’ नाम का उपयोग करने के लिए ट्रेडमार्क की मंजूरी मिली है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी समूह ग्रीन परियोजनाओं में व्यापक कदमों के के रूप में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी स्पेस में प्रवेश करना चाहता है.
समूह की प्रारंभिक इलेक्ट्रिक वाहन योजनाओं में कोच, बसें और ट्रक शामिल हैं, जिनका उपयोग पोर्ट, एयरपोर्ट आदि पर इंटर्नल लॉजिस्टिक्स गतिविधियों के लिए किया जाएगा. गौतम अडानी के नेतृत्व वाला समूह इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी का भी निर्माण करना चाहता है और पूरे भारत में चार्जिंग स्टेशन बुनियादी ढांचा स्थापित करना चाहता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि समूह की गुजरात के मुंद्रा में अपने स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) में अपनी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी परियोजनाओं के लिए एक रिसर्च एंड डेवलप्मेंट (R&D) फैसिलिटी स्थापित करने की भी योजना है.
मालूम हो कि मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और टाटा जैसे अन्य व्यावसायिक घरानों ने भी कम कार्बन वाली ग्रीन परियोजनाओं की योजना बनाई है. ऑटो उद्योग ने इस कदम का स्वागत किया है, जिसमें कहा गया है कि उद्योग में एक बड़े समूह का प्रवेश अच्छा होगा.
एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज (EESL) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज ने हाल ही में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बंगलुरु, सूरत और हैदराबाद में 5,450 सिंगल डेकर और 130 डबल डेकर इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए 5,450 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी निविदा की घोषणा की थी.