राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा शहर के खेती भूमि में अवैध प्लाटिंग… शहर मे सैकड़ो की संख्या में है अवैध प्लाटिंग… रियल एस्टेट का धंधा जोरो पर….

जांजगीर चांपा। जिले मे इन दिनो अवैध प्लाटिंग खरीदी ब्रिकी का धंधा जोरो पर है। शहर के नामी लोग खेती भूमि को बिना डायवरर्सन एवं राजस्व अधिकारीयों के मिली भगत कर खरीदी एंव ब्रिकी कर रहे हैं। लेकिन इन अवैध प्लाटिंग करने वालो पर अधिकारीयों का लगाम नही है। अधिकारीयों के सह पर शहर मे अवैध धंधा चल रहा है। जमीन दलाल बैगर नगरपालिका एंव टीएनसी के अनुमति के अवैध प्लाटिंग कर रहे है। जमीन दलालों पर किसी प्रकार की कार्रवाही नही होने के कारण शहर में सैकड़ों अवैध प्लाटिंग का निर्माण हो गया है। शासन प्रशासन के सारे नियमों को ताक पर रखकर यहां खेत खलिहान की आवासीय प्लाट के रूप में खरीदी बिक्री हो रही है। शहर के आसपास इलाकों को छोड़ दे तो जिला मुख्यालय में इन दिनों अवैध प्लाटिंग का कारोबार जोर-शोर से हो रहा है। नगर पालिका जांजगीर नैला कार्यालय से कुछ ही दूरी पर भू माफियाओं द्वारा सेन्ट्रल सिटी नाम से काॅलोनी के लिए प्लाट काटा गया है। जहां रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) के नियमों को दरकिनार कर प्लाट बेच रहे हैं। सबसे बड़ी बात काॅलोनी में जाने के लिए एनएच को लगाकार डामर रोड भी बनायी गई है। जिसके लिए नगर पालिका से एनओसी तक नही ली गई है। जबकि रोड को बने महिना भर से अधिक समय हो गया। इससे नगर पालिका के जिम्मेदारों अधिकारी व राजस्व विभाग की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे है। वहीं राजस्व विभाग के अधिकारीयों को मामले की जानकारी होने के बाद भी अंजान बने हुए है।

छत्तीसगढ़ राज्य़ में रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) के नियम की बात करे तो किसी भी बिल्डर को जमीन की प्लाटिंग करने से पहले रेरा में पंजीयन कराना अनिवार्य है। इसके अलावा प्लाट बेचने से पहले बिल्डर वहां जन सुविधाओं से जुड़ी चीजें पानी ,नाली, सड़क, बिजली व पानी का इंतजाम, सीवर, खेल मैदान आदि की सुविधा उपलब्ध करायेगा मगर जिला मुख्यालय सहित अन्य नगरीय निकायों में अवैध प्लाटिंग का खेल जोरों पर चल रहा है। यहां रोजाना कई एकड़ खेतों की अवैध प्लाटिंग कर खरीददारों को बेचा जा रहा है। यहां प्लाट खरीदने वाले को अंधेरे में रखकर प्लाटिंग की जा रही है। इसके चलते आने वाले समय में यह प्लाट लेने वाले खरीददार परेशानी में फंस सकते हैं। प्लाट बेचने से पहले कॉलोनाइजर्स सड़क, नालियां, बिजली के खंबे, पार्क और पानी आदि सुविधाएं देने का लालच देते हैं लेकिन प्लॉट बेचने केबाद कॉलोनाइसर्ज द्वारा बुनियादी व्यवस्था नहीं कराई जाती। कॉलोनाइजर्स द्वारा रहवासियों को सुविधाएं देना तो दूर बिजली के खंभे लगवाने के नाम पर उनसे पैसे लेकर धोखाधड़ी भी की जाती है। वर्तमान में शहर में संचालित कई कॉलोनियों में रहवासियों के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।

बेखौफ हैं भू-ंमाफिया..

जमीन दलालों के झुठे कागाजत के फेर में फंसकर जमीन व मकान खरीदने वाले लोगों को बाद में खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। सैकड़ों लोग डायवर्सन व एनओसी के लिए महीनों से कलेक्टोरेट व नगरपालिका दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं। भूमाफियाओं के चंगुल में आए लोगों को बुनियादी सुविधाओं के लिए भी तरसना पड़ रहा है। इसके बावजूद जिला प्रशासन जिले में तेजी से हो रहे अवैध प्लाटिंग के कारोबार को रोकने कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। जिला प्रशासन ने भूमाफियाओं के खिलाफ एक भी कार्रवाई नहीं की है। यही वजह है कि अवैध भूमि पर कालोनी तैयार हो रही इमारतों की अनुमति को लेकर कोई छानबीन नहीं की जा रही है।