जांजगीर चांपा। जिले में गिने चुने बिल्डरो व कालोनाइजर को छोड़ दिया जाय तो ज्यादा संख्या में कालोनाइजर बिना टीएनसी के ही खेती भूमि को किसानो से औने पौने दाम पर एग्रीमेंट कर खरीदी ब्रिकी कर रहे है। जो नियम के विरूध है। भू-माफिया ज्यादा कमाई करने के चक्कर मे टैक्स की चोरी कर रहे हैं। जमीन का प्लाटिंग करने से पहले न तो नगर पालिका से अनुज्ञा प्रमाण पत्र बनवाते न ही टीएनसी कराते..ज्यादातर लोग तो रेरा से भी पंजीयन नही कराते। कहा जाये बिना नियम के अवैध प्लाटिंग का निर्माण कर खरीदी ब्रिकी कर रहे हैं। जबकि 5 सौ वर्ग फीट से ज्यादा व 8 अपार्टमेंट से ज्यादा का निर्माण मे रेरा का पंजीयन अनिवार्य होता हैं। पंजीयन नही कराने से शासन व प्रशासन को लाखो, करोड़ो रूपयें की राजस्व की हानि हो रही है। जो टैक्स शासन को जाती उसे अपने कमाई का जरिया बनाये हुए है। लेकिन इस काम में सिर्फ भू-माफियों की गलती नही है। इस सब के पीछे राजस्व विभाग का हाथ होता है। कोई भी कालोनाइजर व बिल्डर किसी प्रोजेक्ट लाने से पहले किसानो के साथ खेती भूमि को औने पौने दाम पर एग्रीमेंट करता है, फिर सामने ग्राहक को मोटी कीमत पर बेच देता हैं। इसी प्रकार इन सभी के लिए किसान की खरीदी खेती भूमि को अवासीय गैर अवासीय मे बदलने के लिए डायवर्सन कराना होता है। जो संबधित क्षेत्र के तहसील कार्यालय से होता हैं।
जिस समय भू माफियां जमीन की डायवर्सन करता है उसी समय संबधित क्षेत्र के पटवारी व राजस्व निरीक्षक से लेकर तहसीलदार को जानकारी हो जाती हैं कि जमीन ब्रिकी करने वाला व्यक्ति और खरीदी करने वाला व्यक्ति किस कार्य के लिए कितना जमीन को निर्माण के लिए डायवर्सन करा रहा है। लेकिन सब कुछ जानते हुए भी राजस्व विभाग की टीम भू-माफियों से साठगांठ कर नियम विरूध काम कर अपनी कमाई का जरिया बनाये हुए है।
जिले में सभी ब्लाकों मे इसी प्रकार अवैध ध्ंधा को राजस्व विभाग बढ़ावा देती है। जिसके कारण भू – माफियो का हौसला बढ़ा हुआ है। जिला मुख्यालय में दर्जनों हाॅटल,काम्पलेक्स,कालोनी, या व्यसायिक परिसर का निर्माण इसी तरह अवैध तरीका से हुआ है। कई हाॅटलो व व्यसायिक परिसर का नगर पालिका मे अभी तक अनुज्ञा प्रमाण पत्र नही लिये है, इसके बावजुद निर्माण हो गया हैं। इस प्रकार नगर पालिका से लेकर राजस्व विभाग के गैर जिम्मेदार रवैये के कारण शहर मे अवैध मकान व कालोनी का निर्माण हो रहा है। जिसको रोक-टोक करने वाला कोई नही है। राजस्व विभाग के अधिकारीयो ंको भी इन सब की जानकारी है लेकिन वे भी किसी प्रकार की कार्यवाही नही कर रहे हैं।