चेन्नई। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई और आसपास के इलाकों में धीमा पड़ने के बाद बारिश का दौर फिर से शुरू हो गया है और इसके साथ ही बुधवार को इलाके में स्पष्ट कम दबाव का क्षेत्र जोर पकड़ गया है। यह जानकारी मौसम विभाग ने दी। मौसम विभाग ने बताया कि इस कम दबाव के क्षेत्र के 11 नवंबर की शाम को तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के तट से गुजरने की संभावना है। इस मौसम रुझान की वजह से अगले तीन से चार दिनों तक तमिलनाडु के बड़े हिस्से में बारिश होने की उम्मीद की जा रही है। मौसम विभाग के मुताबिक कुछ खास इलाकों में मूसलाधार बारिश हो सकती है जबकि अधिकतर स्थानों पर गरज के साथ मध्य दर्जे की बारिश की संभावना है। इस बीच 20 जिलों में बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है तो वहीं भारी बरसात की वजह से आठ उड़ानें भी रद्द कर दी गई हैं।
मौसम विभाग ने बताया, ”11 नवंबर को तमिलनाडु के तिरुवल्लुर, कल्लाकुरिची, सेलम, वेल्लोर, तिरुन्नामलाई, रानीपेट और तिरुपुत्तर जिलों के कुछ इलाकों में मूसलाधार बारिश हो सकती है। वहीं तमिलनाडु के नीलगिरि, कोयंबटूर, चेंगापल्ट्टू, नमक्कल, तिरुचिरापल्ली, चेन्नई और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के कुछ इलाकों में भारी बारिश हो सकती है।” मौसम विभाग ने बताया कि 12 से 14 नवंबर के बीच तमिलनाडु के कई इलाकों में बारिश होने की संभावना है जबकि तमिलनाडु के कुछ इलाकों, पुडुचेरी और कराईकल में गरज और बिजली चमकने की संभावना है।
मौसम विभाग के मुताबिक, मंगलवार को चेन्नई और इससे सटे उत्तरी इलाकों में बारिश में कमी आई जबकि कावेरी डेल्टा (तमिलनाडु) और कराइकल (पुडुचेरी) में मूसलाधार बारिश हुई। विभाग ने बताया कि नागपट्टनम में सबसे अधिक 31 सेंटीमीटर बारिश हुई है जबकि कराईकल में 29 सेंटीमीटर और वेदरणयम में 25 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग के बुलेटिन के मुताबिक मंगलवार को दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी पर बना कम दबाव का क्षेत्र अब और मजबूत हो गया है और यह दक्षिण बंगाल की खाड़ी के मध्य हिस्से में अवस्थित है और समु्द्रतल से 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई पर चक्रवाती चक्रण की स्थिति में पहुंच रहा है।
बुलेटिन के मुताबिक, ”अगले 12 घंटों में इसके दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी में मजबूत होने की संभावना है जिसके बाद इसके पश्चिम और उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है और 11 नवंबर 2021 को तड़के इसके उत्तरी तमिलनाडु के तट पहुंचने और उसके बाद 11 नवंबर की शाम को ही दक्षिण आंध्र प्रदेश के तट से कराईकल और श्रीहरिकोटा के बीच गुजरने की संभावना है।”