शहडोल “अजय पाल”
जिले में एक बार फिर मानवता को शर्मशार कर देने वाली घटना प्रकाश में आई है। गोरतरा गांव में एक महिला की मौत के बाद ग्रामीणों ने उसका अंतिम संस्कार नहीं करने दिया। ग्रामीणों का आरोप था कि 38 वर्षीय सोनिया केवट की मौत संदिग्ध है, इस कारण इसकी सूचना कोतवाली पुलिस शहडोल को दी गई। पुलिस ने आनन फानन में गोरतारा गांव पहुंचकर शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल ले आया है।
वहीं मृतका के पति रामसिंह केवट का कहना है कि सोनिया की मौत सूखा रोग (कुपोषण) के कारण हुई है। इसके पहले 15 वर्षीय बेटी गुड़िया की मौत भी कुपोषण के कारण ही हुई थी। गांव वालों ने एक साल पहले रामसिंह का सामाजिक बहिष्कार कर दिया था, जिस कारण सोनिया की मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए भी किसी ने कोई मदद नहीं की।
इधर ग्रामीणों का कहना है कि एक साल पहले राम सिंह केवट के पिता की मौत हो गई थी। उसने दो साल पहले ठाकुर देव में प्रण लिया था कि वह 5 साल तक दाढ़ी और बाल का मुंडन नहीं करायेगा। इसी बीच पिछले साल राम सिंह के पिता की मौत हो गई जिस कारण उसने मुंडन नहीं कराया। इसके बाद ग्रामीणों ने राम सिंह के परिवार का बहिष्कार कर दिया था।
मानवता को शर्मशार कर देने वाली इस घटना के बाद जिला प्रशासन भी सक्रिय हो गया है। कुपोषण से मौत वाली इस खबर पर अब प्रशासनिक अधिकारियों को भी सावित्री के पीएम रिपोर्ट का इंतज़ार है। उधर कांग्रेस ने आरोप लगाया है कुपोषण के मामले में सरकार लापरवाही बरत रही है। इस मामले में जाँच की मांग की गई है।
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