संजय यादव
जांजगीर चांपा। आज से एक दशक पहले एक निर्माणधीन कुआं जांजगीर शहर में है जहां जाने से अच्छे -अच्छे लोग सहम जाते थे…क्या है इस कुंए की कहानी… क्यो डरते है इस कुंए के पास जाने से लोग..सदियो पुरानी रहस्य छिपी है इस कुंए में… कहां यह कुंआ.. जाने क्या है कहानी इस कुएं की…. आपको बता दे कि जांजगीर के कलेक्ट्रोरेट मोड़ के पास कई दशको से किसी व्यक्ति द्वारा बनाया गया कुआं है। जिसे लोग आम बोल चाल की भाषा में बराईन कुआं के नाम से जानते है. लेकिन वर्षो से चली आ रही इस कुएं की रहस्य को कोई नही जान पाया है, कि लोग क्यो इस कुएं के पास जाने से डरते थे, वर्षो पूर्व इस कुएं के पास जाने पहले लोग एक बार जरूर सोचते थे। उस समय जांजगीर जिला नही बना था। शहर से बाहर विरान जगह कुंआ होने के कारण लोग सुरज ढलने के पास उस रोड़ से गुजरने से कतराते थे। आखिर ऐसी क्या वजह रही होगी की लोग वहां जाने से डरते थे।
आपको बताते है उस रहस्यमय कुएं की कहानी.. दशको पूर्व जांजगीर जिला नही बना था जिसके कारण यहां की बसावट एक सीमित जगहो पर ही थी लोग पुरानी बस्ती के साथ पुराना चंदनिया पारा में शहर का बसाहट था. जहां कुआ स्थापित वह लोग ज्यादा तर चांपा जाने के लिए आने जाने के लिए मेन रोड का उपयोग करते थे। लेकिन वहां रात होने के बाद लोग बहुत कम ही जाते थे। वहां एक ईमली को विशाल पेड़ है वही एक प्रतिक्षालय भी जहां यह कुंआ बना है। किसी थवाईत परिवार द्वारा यह कुअंा का निर्माण कराया गया था। लेकिन पुराने लोगो का ऐसा मानना है कि वहां अक्सर किसी न किसी प्रकार घटना लोगो के साथ होती थी। बताया जाता हैं कि लोगो को वहां रहगीरो से लुटपाट किया जाता था. लोग वहां गुजरते थे तो किसी न किसी प्रकार की अनहोनी वहां होती थी।
पुराने बुजुर्ग बताते है वहां अक्सर गुजरने वालो की दुघर्टना हो जाती थी। लोगो का कहना था कि वहां किसी भुत प्रेत का साया हैं। इस प्रकार जितनी मुंह उतनी बात सुनने की मिलती थी। आज भी किसी बुजुर्ग से पुछने पर वहां के बारे मे पूरी कहानी ब्यान करते नही थकते है। जहां कुआं बना है वहा सुनसान होने के कारण घना अंधेरा व पेड़ पौधे के कारण लोग वहां से गुजरने के वक्त थोड़ा सहम जाते थे। कोई इस घटना मात्र लोगो वहम मानते है, तो कई बुजुर्ग आज भी इस जगह पर डरावनी किसी साये की बात करते है। लोग जब वहां से गुजरते तो कुएं मे पानी मे पत्थर गिरने की आवाज आती थी लोग ऐसा कहते थे। लेकिन आज के समय मे जब जांजगीर चांप जिला बना लोगो का जब बसाहट बढ़ने लगी तब वहां इस प्रकार की कोई चीज देखने को नही मिलती लोग आज बे रोक टोक ,बेधड़क आते जाते है. लेकिन इस प्रकार की घटना नही दिखने को मिलती. हो सकता है वहां सुनेपन के कारण राहगीरो का एक वहंम हो, आज उस जगह पूरे तरह बसाहट होने के बाद ऐसी किसी प्रकार की घटना अब नही होती है।