EXCLUSIVE : तीन वर्ष पहले ही डिसमेंन्टल हो गये स्कूल भवन में लग रहा कक्षाएं.. मासूमों के जान से खिलवाड़ कर रहा शिक्षा विभाग…


छत से पानी टपकते स्कूल में पढाई करने में मजबूर मासूम बच्चे…

जांजगीर चांपा । जिला मुख्यालय के नैला स्थित शासकीय कन्या पूर्व मा. शाला भवन को सन् 2016 में कलेक्टर ने भवन की जर्जर स्थिति को देखते हुए डिसमेंटल घोषित कर दिया है। बावजुद वहां 150 से 200 पढाई करने मे मजबूर हैं। स्कूल में पहली से लेकर आठवी तक की दो पाली मे क्लास लगती हैं। स्कूल भवन के स्थिति इतनी जर्जर है कि छत से पानी टपक रहा हैं वही दीवार मे दरारे आ गई है। क्लास में न दरवाजा है न ही खिड़की के दरवाजे है। हालात इतनी जर्जर है कि बच्चे व शिक्षक डरे सहमें रोजं पढ़ाई करा रहे है। यहां तक बच्चे बरामंदा में बैठ कर पढ़ रहे है। स्कूल दीवारो में दरार आने से बारीश का पानी टपकने लगता हैं। स्कूल में बच्चे भी डर से सहमे रहते हैं लेकिन इस ओर न तो शिक्षा विभाग की नजर है न ही जिला प्रशासन ध्यान दे रहा हैं। वही शिक्षा विभाग बारीश में हादसो का इंतजार कर रहा है। बच्चे डरे सहमें रोज स्कूल आकर इसी तरह पढ़ाई कर रहे है। बच्चो के अनुसार बारीश के समय छत से पानी तटपने के कारण पढ़ाई भी नही हो पाती हैं .

2

2016 से है डिसमेन्टल आदेश..

कलेक्टर ने भवन की जर्जर स्थिति को देखते हुए स्कूल भवन को डिसमेन्टल घोषित कर अन्य जगह कक्षा लगाने के आदेश किया है . बावजुद यहां तीन वर्षो से कक्षाएं लग रही हैं। बारीश मे और भी स्कूल की हालत बत्तर हो गया हैं ।

हादसो को बुलावा दे रहे है विभाग..
एक ओर जहां सरकार शिक्षा में गुणवता की बात करती वही दूसरी ओर मासूूूम बच्चो के साथ खिलवाड़ कर हादसो को बुलावा दे रहे हैं। बच्चे जान जोखिम मे डालकर कर डरे सहमे रोजना पढाई करने मजबूर है।

1

स्कूल में नही किचन भवन..
राज्य सरकार ने बच्चो को पढाई के साथ- साथ निशुल्क भोजन देने के लिए स्कूल मे भी मध्यान भोजन की व्यवस्था करती है। पर इस स्कूल परिसर पर किचन भवन भी नही हैं यहां बाहर से भोजन लाकर बच्चो खिलाया जाता है।

सांप बिच्छु निकता है स्कूल में ..
स्कूल भवन में बारीश के समय बच्चो ने बताया कि यहां सांप बिच्छु निकलता है जिससे हम लोगो को हमेशा डर लगा रहता है। बच्चो मे बात करने पर लगा कि बच्चे डरे सहमे थे। वही स्कूल के शिक्षको का भी कहना कि हम लोगो की मजबूरी है।

मै मौके पर जाकर देखता हूं । आज ही मै बीईओ को बुलाकर स्कूल भवन की स्थिति का जयाजा लेने भेजता हूं। कलेक्टर के 2016 से डिसमेन्टज आदेश के बाद भी कक्षाएं लग रही हैं तो गलत है।

के एस तोमर
जिला शिक्षा अधिकारी, जांजगीर चांपा।