जांजगीर चांपा। डीएमएफ मद के सदस्य एवं जैजैपुर विधायक केशव चंद्रा ने जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया है. विधायक का कहना है कि ग्राम पंचायतों में हो रहे निर्माण कार्य में भारी भ्रष्टाचार व्याप्त है । पंचायत में हो रहे जिम निर्माण, बोरवेल खनन ,स्ट्रीट लाइट या यात्री प्रतीक्षालय निर्माण के बारे में ग्राम पंचायत सरपंच सचिव को नहीं मालूम की इसकी निर्माण एजेंसी कौन है, कौन ठेकेदार काम कर रहा है, कितनी राशि से निर्माण हो रहा है । इस तरह ग्राम पंचायत में दर्जनों काम हो रहे हैं लेकिन ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों को इसकी जानकारी छुपाई जा रही है । आखिर डीएमएफ मद से कराए जा रहे कार्य निर्माण के बारे में ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों को इसकी जानकारी क्यों नहीं दी जा रही है । वही निर्माण पूर्ण की अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए दबाव बनाया जा रहा है। इससे साफ जाहिर होता है कि राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन की सांठगांठ से डीएमएफ मद में भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है। हाल ही में 100 ग्राम पंचायत में जिम निर्माण की स्वीकृति की हुई है, लेकिन पंचायत प्रतिनिधियों को इसके बारे में जानकारी नहीं है । वही 6 लाख का ग्राम पंचायतों में यात्री प्रतीक्षालय का निर्माण हो रहा है। लेकिन निर्माण कौन ठेकेदार कर रहा है ,इसकी जानकारी पंचायत को नहीं दी जा रही है। वही राज्य सरकार ने 20 लाख के अंदर का निर्माण कार्य पंचायत को मिलना था, वही हाल ही में राज्य सरकार ने 50 लाख तक के काम पंचायत प्रतिनिधियों को करने की स्वीकृति देकर पंचायत प्रतिनिधियों की सम्मान को बढ़ाया है। लेकिन अभी तक जिले में 50 लाख से ज्यादा का निर्माण ,पंचायत में हो रहा है लेकिन निर्माण कार्य में बिना टेंडर ,बिना पंचायत के स्वीकृति बगैर डीएमएफ मद में भ्रष्टाचार करते हुए निर्माण कार्य कराया जा रहा है । जो जिला प्रशासन के सांठगांठ में हो रहा है। अभी तक पंचायत प्रतिनिधियों को ना तो अधिकार दिया गया है और नहीं निर्माण एजेंसी बनाया गया है । इसकी शिकायत मुख्यमंत्री के नाम आज कलेक्टर को विधायक केशव चंद्रा सहित दर्जनों ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों ने की है । वही विधायक ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया कि ग्राम पंचायत में बोरवेल खनन ,स्ट्रीट लाइट ,यात्री प्रतीक्षालय ,मंडी सेड, इस तरह दर्जनों निर्माण कार्य हो रहे हैं लेकिन इनकी जानकारी पंचायत को नहीं है जिससे लगता है कि पंचायत प्रतिनिधियों को छुपाकर भारी भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है । अगर जल्द इस पर रोक नहीं लगेगी तो पंचायत प्रतिनिधि आंदोलन करने में बाध्य होंगे।