टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली और कोच अनिल कुंबले के बीच मतभेद की खबरें हैं। कहा जा रहा है कि विराट नहीं चाहते कि कुंबले का टर्म बढ़ाया जाए। वह चाहते हैं कि रवि शास्त्री को दोबारा कोच की जिम्मेदारी दी जाए। लेकिन, बोर्ड कोहली की राय को बहुत अहमियत नहीं देना चाहता। बोर्ड में एक धड़ा ऐसा है, जो अनिल कुंबले की लोढ़ा पैनल और कमिटी ऑफ अडमिनिस्ट्रेटर्स से नजदीकी के चलते नाराज है। प्लेयर और कोचिंग स्टाफ की सैलरी को लेकर अनिल कुंबले सीधे तौर पर कमिटी ऑफ अडमिनिस्ट्रेटर्स के चीफ विनोद राय से बात कर चुके हैं। यहां तक उन्होंने सैलरी में इजाफे की भी मांग की थी। हालांकि कोच की नियुक्ति के मामले में बीसीसीआई का सीधा दखल नहीं है, लेकिन उसकी राय की अहमियम को खारिज नहीं किया जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमिटी ऑफ अडमिनिस्ट्रेटर्स अभी कुंबले के पक्ष में है। लेकिन, कोच और खिलाड़ियों के बीच बढ़ रहे मतभेदों को लेकर चिंतित भी है। कमिटी का मानना है कि यदि खिलाड़ी ही कोच के पक्ष में नहीं होंगे तो उनके लिए अपने पद पर बने रह पाना मुश्किल होगा।सचिन तेंडुलकर, सौरभ गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण की सदस्यता वाली इस कमिटी ने ही पिछले साल कुंबले को कोच के तौर पर चुना था। सूत्रों का कहना है कि यह कमिटी कोच की नियुक्ति प्रक्रिया चलाए बिना ही कुंबले को विस्तार देने के पक्ष में है। कोच को लेकर 18 जून के बाद फैसला होना है। लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि क्या अडवाइजरी कमिटी खिलाड़ियों की राय को नकार सकती है।
दिग्गज लेग स्पिनर रहे अनिल कुंबले ने कोच के तौर पर भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है। लेकिन, अपने रौबदार स्वभाव के चलते टीम के सीनियर खिलाड़ियों से ही उनकी अब नहीं बन रही है। एक खिलाड़ी के तौर पर अनिल कुंबले हमेशा गेंद से ही जवाब दिया करते थे। अभी यह पता नहीं चल सका है कि आखिर किस वजह से खिलाड़ी कुंबले से नाखुश हैं। हालांकि यह पूरा घटनाक्रम आश्चर्यजनक है।कप्तान विराट कोहली की कुंबले से नाराजगी के चलते अब उनके कार्यकाल के विस्तार की संभावनाएं कम हो गई हैं। भारतीय क्रिकेट में कोहली के कद को देखते हुए उनकी राय को नकारना मुश्किल लगता है। इसके अलावा टीम में कई और खिलाड़ी हैं, जो अनिल कुंबले के बारे में सकारात्मक राय नहीं रखते।