फटाफट डेस्क : दिल्ली में एक ऑटो रिक्शा ड्राईवर की पुलिस कस्टडी में मौत होने के बाद दिल्ली पुलिस के एक असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया। और दो कांस्टेबल को पुलिस लाइन भेज दिया गया है। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने बिना किसी कारण के इतना मारा कि उनकी मौत हो गई ।
आइए आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है…? नई दिल्ली के लोधी कॉलोनी पुलिस स्टेशन में 22 अक्टूबर को एक कार चोरी की सूचना मिली थी। कार लोधी कॉलोनी के ब्लॉक नम्बर 23 से गायब थी। इसके बाद मामले कि जांच विजय को सौंपी गई।
उन्होंने जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज खंगोल देखा और पाया कि उस इलाके में चोरी वाले दिन एक संदिग्ध ऑटो रिक्शा आया था। जांच अधिकारी विजय ने ऑटो रिक्शा मालिक धर्मवीर को थाने बुलाया था। पुलिस ने बताया कि धर्मवीर ने ऑटो कराए पर लिया था। जो उनके बेटे के नाम पर रजिस्टर्ड था।
पुलिस के पूछताछ करने पार धर्मवीर ने 2 और लोगो के नाम बताए, सतीश और घेरव राम चौधरी। जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार करके मामले की जांच सुरु की गई।
रिपोर्ट के अनुसार विजय लोधी थाने की पहली मंजिल पर धर्मवीर से पूछताछ कर रहे थे। सुबह 9 बजे करीब धर्मवीर को कमरे में छोड़ कर बाथरूम गए। लेकिन जब वे लौटे तो उन्हें कमरे में धर्मवीर नहीं मिला। खोजने के बाद धर्मवीर थाने के कोर्टयार्ड में पड़ा हुआ मिला। उसके सिर पर गहरी चोट भी थी।
जानकारी के मुताबिक उसने पहली मंजिल से छलांग लगा दी थी। फौरन उसे पुलिसकर्मी द्वारा अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद उसके परिवार को भी इन्फॉर्म लिया गया। हलांकि इलाज के दौरान धर्मवीर की मौत हो गई।
वहीं परिवार वालों का कहना है कि पुलिस ने धर्मवीर से 50 हजार रूपए मांगे थे।धर्मवीर के बेटे ने बताया कि शनिवार 24 अक्टूबर को दो कांस्टेबल संदीप और राजेन्द्र हमारे घर आए, और मेरे पिता को ऑटो रिक्शा की फोटो दिखाई। मेरे पापा ने कहा की वह उनका ऑटो है।
फिर दोनो कांस्टेबल ने उन्हें लोधी स्टेशन ले जाने की बात कही उन्होंने बताया कि उन्हें SHO ने भेजा था। मेरे पापा उनके साथ चले गए, बाद में उनका फोन बंद हो गया। जिसकी वजह से परिवार के साथ कोई संपर्क नहीं हो पाया।
आगे बेटे ने बताया कि बाद में पापा से बात हुई थी जिसमें उन्होंने 50 हजार रुपए लाने को कहा था। उन्होंने कहा कि पुलिस 50 हजार रुपए मांग रही है।उसके बेटे सौरव ने बताया कि वो कालकाजी मंदिर गया था लेकिन बहुत भीड़ होने की वजह से 3 घंटे बाद लौट पाया, और जब आया तो पता चला कि पिता अस्पताल में भर्ती है। उनके पैर और सिर में चोट आई है,
सौरव को सूचना मिलते ही वह पुलिस स्टेशन गया, और वहां से एम्स अस्पताल पहुंचा। सौरव ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने बिना बात के उसके पिता को इतना मारा की उसकी मौत हो गई।
उसने बताया की धर्मवीर ने एक चोरी के केस में आरोपी को पकड़ने में पुलिस की मदद की थी। जब इस पूरे मामले की जानकारी मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट को सौंपी गई, तब उन्होंने एक्सन लेते हुए ASI विजय को सस्पेंड कर दिया।