कोरोना वायरस को लेकर इस समय देश में दोहरी स्थिति बनी हुई है। जहां कई राज्यों में कोरोना के मामलों में गिरावट आ रही है तो वहीं कुछ राज्य ऐसे भी हैं। जहां एक बार फिर से कोरोना ने रफ्तार पकड़ ली है। कोरोना के हालात को सुधरते देख जहां कई राज्य अब धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए पाबंदियों में ढिलाई दे रहे हैं तो कई राज्य फिर से कोरोना संक्रमण की चैन को तोड़ने के लिए लॉकडाउन का सहारा ले रहे हैं।
बुधवार को पूरे देश में कोरोना के 43 हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए। जिसके बाद देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 3 करोड़ 14 लाख, 84 हजार 605 हो गई। बुधवार को 640 लोगों की वायरस के कारण मौत हुई जिसके बाद देश में कोविड 19 से मरने वालों की कुल संख्या 4 लाख 22 हजार 022 हो गई। इस समय देश में कुल सक्रिय मामले 3 लाख 99 हजार 436 हैं।
आइए कुछ ऐसे राज्यों के बारे में बात करतें है जहां या तो कोविड 19 के मामलों में सुधार के बाद प्रतिबंधो में ढील दी है या फिर कोरोना के एक बार फिर से तेजी पकड़ने के बाद लॉकडाउन का सहारा लिया है।
महाराष्ट्र देश के उन राज्यों में पहले स्थान पर आता है जहां कोरोना का प्रकोप सबसे ज्यादा फैला है। कोविड संक्रमितों की संख्या में महाराष्ट्र पहले नंबर पर है लेकिन अब यहां हालात पहले से काफी सुधरे हैं। कोरोना के मामलों में लगातार गिरावट आ रही है। इसे देखते हुए हुए राज्य सरकार अब धीरे धीरे प्रतिबंधों को हटा रही है। स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने गुरुवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार शनिवार को राज्य में कुछ सीमाओं के साथ COVID प्रतिबंध हटा सकती है। हालांकि, रविवार को पूर्ण बंदी अभी जारी रहेगी। इसके अलावा, राज्य पूरी तरह से टीकाकरण वाले लोगों को मुंबई में लोकल ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति दे सकता है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दुकानों, होटलों और जिमों का समय शाम 4 बजे से बढ़ाकर 8-9 बजे तक किया जा सकता है, बशर्ते कि मालिक ये सुनिश्चित करें कि कर्मचारियों को पूरी तरह से टीका लगाया गया है। उन्हें 50 फीसदी क्षमता पर ही काम करने की इजाजत होगी। उद्धव ठाकरे सरकार आगे चलकर सिनेमा हॉल खोलने की अनुमति दे सकती है।
मुंबई और 24 अन्य जिलों में मौजूदा समय में कोविड 19 संक्रमण दर औसत से कम है और उम्मीद जताई जा रही है कि इन जिलों में अब प्रतिबंधों को हटाया या फिर ढील दी जा सकती है। इसके अलावा शेष 11 जिले – पुणे, सोलापुर, सांगली, सतारा, कोल्हापुर, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, बीड और अहमदनगर जहां संक्रमण दर अधिक है, वहां और प्रतिबंध लगे रह सकते हैं।
इस समय पूरे देश में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले केरल राज्य से सामने आ रहे हैं। केरल में बढ़ते कोरोना के मामलों ने केंद्र को भी चिंता में डाल दिया है। राज्य में बिगड़ते हालात के बाद केंद्र सरकार ने 6 सदस्यीय दल केरल भेजा है। केरल में गुरुवार को 24 घंटे में 22 हजार से अधिक नए मामले सामने आए जबकि 128 लोगों की मौत हुई। नए आंकड़ों के बाद राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 33 हजार, 49 लाख 365 पहुंच गई है। केरल में कोरोना से अब तक 16585 लोगों की मौत हो चुकी है। इस समय राज्य में पॉजिटिव रेट 13.53 प्रतिशत पहुंच चुकी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से केरल में छह सदस्यीय टीम की को हालात का जायजा लेने के लिए भेजा गया है। पूरे देश में इस समय सबसे अधिक मामले कोरोना से ही रिपोर्ट हो रहे हैं। कोरोना मामलों को कंट्रोल में लाने के लिए राज्य सरकार ने पूरे राज्य में 31 जुलाई और 1 अगस्त को पूर्णरूप से लॉकडाउन घोषित कर दिया है।
कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर और तमाम राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने पहले से लागू प्रतिबंधों को 15 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया है। सरकार ने कुछ मामलों में रियायत भी बरती है। अब 50 प्रतिशत क्षमता के साथ इनडोर सुविधाओं वाली जगहों पर सरकारी कार्यक्रमों के आयोजन की इजाजत दे दी है। बसों, टैक्सियों, ऑटो रिक्शा 50 प्रतिशत क्षमता के साथ चल सकेंगे। सरकारी और निजी दोनों कार्यालयों को भी 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ काम करने की इजाजत दे मिल गई है।
सभी जिला प्रशासनों को मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग कोरोना गाइडलाइन से संबंधित निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा गया है। जारी एक आदेश में कहा गया है, ” यदि कोई भी नियमों या फिर प्रतिबंधों का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 और आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”
कोरोना वायरस के फिर से रफ्तार पकड़ने के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने महाराष्ट्र के साथ बस सेवाओं पर जारी प्रतिबंध को 4 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया है। अंतरराज्यीय बस सेवाओं पर प्रतिबंध 28 जुलाई तक प्रभावी था, लेकिन अब इसे भी एक और सप्ताह के लिए बढ़ा दिया गया है। मध्य प्रदेश परिवहन विभाग द्वारा इस प्रतिबंध के संबंधित एक आदेश भी जारी किया गया और इसमें कहा गया है कि आने वाले बुधवार तक महाराष्ट्र से किसी भी बस को संचालित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
बता दें कि मध्य प्रदेश ने राजस्थान, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के साथ अपनी परिवहन सेवाओं को कोरोना से हालात सुधरने के बाद फिर से शुरू कर दिया है। इसके साथ ही सभी बस ऑपरेटरों को यह निर्देश दिए गए हैं वह बस के अंदर कोरोना नियमों का पालन करें।