
रायपुर. छत्तीसगढ़ में आरक्षण कब लागू हो रहा हैं ये तो स्पष्ट किसी को नही दिखाई दे रहा, लेकिन अब विवाद बढ़ता जा रहा हैं। मुख्यमंत्री ने एक के बाद एक तीन ट्वीट किए और राज्यपाल पर तीखा प्रहार किया हैं।
ट्वीट करके उन्हीने लिखा कि स्पष्ट है कि माननीय राज्यपाल भाजपा के इशारे पर आरक्षण विधेयक को रोक रही हैं। भाजपा ओबीसी आरक्षण के ख़िलाफ़ है, और इस फेर में आदिवासियों और अजा व ग़रीबों का आरक्षण भी रुक गया है। राज्यपाल के लिए मंत्रिमंडल की सलाह मानना बाध्यकारी है, पर अफसोस है कि वे इस संवैधानिक व्यवस्था को भी नहीं मान रही हैं। राज्यपाल अगर जनता की प्रतिनिधि विधानसभा की राय भी नहीं मानतीं तो यह भी असंवैधानिक है।
आरक्षण मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाएंगे मुख्यमंत्री
सीएम ने अपने आखिरी ट्वीट के लिखा कि हम जनता के बीच ही जाएंगे और उनके ही बीच भाजपा और संविधान का अपमान कर रही राज्यपाल के बारे में बताएंगे। हमें संविधान और लोकतंत्र पर अटूट भरोसा है, लोकतंत्र में जनता ही सर्वोपरि है।
मुख्यमंत्री समेत तमाम कांग्रेसी नेता आरक्षण विधेयक पर मुखर हो चुके हैं और इसका खुलकर विरोध कर रहे हैं, यही विरोध 3 जनवरी को कांग्रेस की महारैली में भी देखा जाएगा।