रायपुर. प्रदेशभर के आंगनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत कार्यकर्ता और सहायिका राजधानी रायपुर में अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना दे रही हैं। धरना से प्रदेश भर के आंगनबाड़ी केंद्र बंद हैं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के विभिन्न संगठनों ने एक संयुक्त मंच बनाकर बड़े स्तर पर धरना दिया हैं, शासन का ध्यान आकर्षित कराने 23 जनवरी से 27 जनवरी तक 5 दिन का महापड़ाव किया है। धरना में बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग संभाग की महिलाएं सबसे ज्यादा है। रायपुर के बोरियाखुर्द, भनपुरी, खमतराई, देवपुरी, लालपुर, डूंडा, रामनगर, कबीरनगर सहित राजधानी के अंदरूनी इलाके की महिलाएं इसमे शामिल है।
हालांकि धरना देने की अनुमति शासन प्रशासन ने नहीं दी सिर्फ 1 दिन की अनुमति दी है आज बस की अनुमति इनको मिली है शुरू दिन 23 जनवरी को जब महिलाएं पहुंचे तो इन्हें अनुमति नहीं मिली जिसके कारण सड़कों पर बैग बैठकर महिलाओं ने प्रदर्शन किया रात में इन्हें इनडोर स्टेडियम के अंदर रुकने की जगह दी गई 24 जनवरी आज सुबह से ही महिलाएं धरना स्थल पर डटी हुई हैं और लगातार शासन के खिलाफ नारेबाजी कर रही हैं और अपनी मांगों को लेकर धरना दे रही।
बता दे कि यहां 46 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों और तक़रीबन 7 हजार मिनी आंगनबाड़ी केंन्द्रों की महिलाएं पहुँची हुई हैं।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पद्मावती साहू ने बताया कि सरकार ने घोषणा पत्र में वादा किया था वह वादे अभी तक पूरे नहीं किए इसके पहले भी अलग-अलग संभागों में महिलाओं ने धरना दिया है, आज बड़े स्तर पर उन्हें प्रदर्शन करने के लिए रोका जा रहा है महिलाओं के हाथ खींचे जा रहे हैं उन्हें बस से धकेल कर उतारा जा रहा है, प्रदर्शन को हरसंभव रोकने का प्रयास पुलिस कर रही है फिर भी वह अपनी मांगों को लेकर अड़े रहेंगे।