रायपुर: छत्तीसगढ़ में चुनाव से एक साल पहले सड़कों पर गड्ढा बड़ा मुद्दा बन गया है। प्रदेश में करीब 29 हजार किलोमीटर सड़कें हैं, जिसमें से छह हजार किलोमीटर सड़क पर गड्ढे हैं। प्रदेश में सबसे ज्यादा खराब सड़कें सरगुजा, जशपुर, रायगढ़, कोरबा, बिलासपुर और जांजगीर-चांपा में है। यहां की 32 विधानसभा सीट पर कांग्रेस के विधायक हैं। खराब सड़क को लेकर विपक्षी दल भाजपा आंदोलन कर रही है, तो इसकी गूंज कलेक्टर्स कांफ्रेंस में भी सुनाई दी।
मुख्यमंत्री बघेल को चेतावनी भरे लहजे में अधिकारियों को कहना पड़ा कि दिसंबर तक सड़क के गड्ढे नहीं पटे, तो खैर नहीं। प्रदेश के 29 राजमार्ग की चार हजार किलोमीटर सड़क में 30 प्रतिशत सड़क पर चलने की स्थिति नहीं है। यही स्थिति 649 मुख्य जिला मार्ग की 11 हजार किलोमीटर सड़क का है। ऐसे में चुनावी अखाड़े में उतरने से पहले सरकार सड़क की सेहत को सुधारने की कवायद में जुटी है।
खराब सड़कों की सबसे ज्यादा शिकायत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भेंट मुलाकात कार्यक्रम में सामने आई। मुख्यमंत्री जब जशपुर में भेंट मुलाकात कर रहे थे, उसी समय भारतीय जनता युवामोर्चा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत खराब सड़कों को लेकर पदयात्रा कर रहे थे। खराब सड़क की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री ने उसी समय प्रदेश के पीडब्ल्यूडी विभाग के ईएनसी को तत्काल पद से हटा दिया था। मुख्यमंत्री बघेल की सख्ती यहीं नहीं स्र्की। मुख्यमंत्री ने कलेक्टर्स कांफ्रेंस में सबसे ज्यादा समय तक प्रदेश की खराब सड़कों पर चर्चा की।
उन्होंने साफ कहा कि सड़क बनाने का जिम्मा चाहे जिस विभाग के पास हो, प्रदेश में खराब सड़क नहीं होनी चाहिए। एक साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री ने खराब सड़कों को सुधारने का जिम्मा कलेक्टरों को सौंपा है। भेंट मुलाकात अभियान में मुख्यमंत्री अब तक 16 जिलों की 34 विधानसभा क्षेत्रों की जमीनी हकीकत टटोल चुके हैं। सरगुजा से शुरू हुई भेंट मुलाकात में मुख्यमंत्री अब तक बस्तर, रायगढ़, जशपुर और दुर्ग संभाग में जनता के बीच पहुंचे हैं।
भाजपा नेता रायगढ़ में कर रहे हैं पदयात्रा
खराब सड़क को लेकर भाजपा के प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी के नेतृत्व में रायगढ़ में पदयात्रा चल रही है। शंखनाद परिवर्तन यात्रा के नाम पर शुरू हुई यात्रा में प्रदेश भाजपा के नेता भी शामिल हुए। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अस्र्ण साव ने कहा कि जशपुर, रायगढ़ सहित प्रदेश में अधिकांश सड़कें खराब है। कर्ज में डूबी सरकार के पास सड़कों की मरम्मत का पैसा नहीं है। सरकार खाली खजाने से सिर्फ अफसरों पर दबाव डालकर राजनीतिक रोटी सेंकना चाहती है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि रमन सरकार के समय जो सड़क बनी थी, उसे खोजने के लिए यात्रा निकाली गई है। पहले सड़क में गड्ढे नजर आ रहे थे, लेकिन अब प्रदेश में सड़क ही नजर नहीं आ रही है। चार साल में कांग्रेस सरकार ने एक भी सड़क का निर्माण नहीं कराया। जो सड़कें पहले से बनी थीं, उसकी मरम्मत के लिए भी पैसे उपलब्ध नहीं कराए गए।