बिलासपुर.. प्रदेश के सहकारी समितियों को निर्धारित चुनाव अवधि से पहले भंग करने के मामले में राज्य सरकार को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है..और हाईकोर्ट ने सरकार के सहकारी समितियों को भंग करने के आदेश पर रोक लगा दी है..और राज्य सरकार को हाईकोर्ट ने नोटिस जारी जारी किया है..वही याचिका कर्ताओ को अंतरिम राहत देने के बाद कोर्ट में अब इस मामले की सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी..
बता दे कि प्रदेश के सहकारी समितियों को अगस्त माह में राज्य सरकार ने भंग कर दिया था..और सरकार के इस आदेश को चुनौती देते हुए..सेवा सहकारी समिति भैसमा के सदस्य लक्ष्मण उरांव,बरपाली सहकारी समिति के मोहनलाल कंवर ,जीवन लाल कंवर समेत अन्य समितियों के निर्वाचित सदस्यों ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी..जिसकी सुनवाई आज चीफ जस्टिस पीआर रामचन्द्र मेनन व जस्टिस पीपी साहू की डीबी में हुई..इस दौरान कोर्ट ने सरकार के सहकारी समितियों को भंग करने के आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए याचिका कर्ताओ को अंतरिम राहत दी है..साथ ही राज्य सरकार को कोर्ट ने नोटिस जारी कर समितियों को भंग करने के सम्बंध में जानकारी मांगी है..
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने प्रदेशभर में संचालित सहकारी समितियों को भंग कर दिया था..यह वही सहकारी समितियां है जिनके माध्यम से सरकार समर्थन मूल्य पर धान खरीदती है..और इन्ही समितियों के माध्यम से प्रदेश के किसानों को धान बीज,खाद ,कीटनाशक दवाएं मुहैय्या कराई जाती है..और इन समितियों में सदस्य अपने मताधिकार का प्रयोग कर अध्यक्ष चुनते है..लेकिन समिति के निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल अभी पूरा भी नही हुआ था..और प्रदेश सरकार ने समितियों को भंग करने का आदेश जारी किया था..