रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य में बर्डफ्लू का अब तक कोई भी मामला प्रकाश में नहीं आया है। केरल, राजस्थान, मध्यप्रदेश एवं हिमांचल प्रदेश में बर्डफ्लू रोग की पुष्टि होने के बाद छत्तीसगढ़ राज्य में भी इसको लेकर अलर्ट जारी किया गया है।
पशुधन विकास विभाग द्वारा बर्डफ्लू के प्रवेश को रोकने के संबंध में सभी जिलों के कलेक्टरों एवं पुलिस अधीक्षकों सहित पशु चिकित्सा विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों को सीमावर्ती प्रदेश से पक्षियों के परिवहन पर कड़ी निगरानी रखने के साथ ही सभी शासकीय एवं अशासकीय कुक्कुट पालन प्रक्षेत्रों एवं पोल्ट्री व्यवसायी केन्द्रों का सर्विलेंस करने के निर्देश दिए गए हैं।
बर्डफ्लू के मामले में एहतियातन पशुधन विकास विभाग द्वारा राज्य के 7 जिलों में स्थित शासकीय पोल्ट्री फार्माें से एकत्र सेम्पल की जांच में बर्डफ्लू रोग का कोई भी लक्षण नहीं पाया गया है।
कृषि उत्पादन आयुक्त एवं सचिव, कृषि विकास तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग डॉ. एम. गीता ने बताया कि राज्य के दुर्ग, रायगढ़, जगलदपुर, बैकुण्ठपुर-कोरिया, बिलासपुर जिले के कोनी एवं सरगुजा जिले के कुनकुरी स्थित शासकीय पोल्ट्री फार्म से बर्डफ्लू की जांच पड़ताल के लिए वहां से सेम्पल लेकर जांच की गई। सभी सेम्पल की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
छत्तीसगढ़ में बर्डफ्लू का अब तक कहीं से कोई भी मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने बताया कि राज्य में बर्डफ्लू रोग के प्रवेश को रोकने के संबंध में जिलों को विस्तृत दिशा- निर्देश जारी किए गए हैं। पक्षियों की असामान्य बीमारी एवं मृत्यु होने की स्थिति में अधिकारियों को सतर्कता बरतने की निर्देश दिए गए हैं।
भारत सरकार की द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुसार सेम्पल साईज का पालन करते हुए नमूने एकत्रकर राज्य स्तरीय रोग अन्वेषण प्रयोगशाला रायपुर भिजवाने के भी निर्देश दिए गए हैं। बत्तख पालन वाले क्षेत्र एवं जंगली व अप्रवासी पक्षियों के इलाकों में विशेष निगरानी रखने तथा वन विभाग से समन्वय स्थापित कर राष्ट्रीय अभ्यारण्य, पोखर, झील को चिन्हांकित कर उन क्षेत्रों के समीप निगरानी हेतु विशेष कार्ययोजना तैयार कर उसका अमल करने के निर्देश दिए गए हैं।
पोल्ट्री व्यवसाय से जुड़े लोगों को बर्डफ्लू के रोकथाम एवं जैव सुरक्षा के सभी नियमों की जानकारी देने को कहा गया है। जिलों को बर्डफ्लू रोग से निपटने के लिए आवश्यक उपकरण, रासायन एवं पीपीई कीट तैयार रखने की भी हिदायत दी गई।