जांजगीर–चाम्पा: सक्ति की सियासत फिर एक बार गरमा गई है। मौका था सी मार्ट के उद्घाटन अवसर का, जब छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत के साथ सक्ती जिले में कालेधन के कारोबारियों की तस्वीर सामने आई आ गई। वही कोई विधायक प्रतिनिधि के तौर पर प्रतिनिधित्व कर रहा है तो कोई कट्टर महंत समर्थक के रूप में जाना जाता है। विगत दिनों सक्ती जिले में हुए आईटी रेड के बाद जितने भी काले कारोबारी के नाम सामने आए। वे सभी विधानसभा अध्यक्ष के कट्टर समर्थक माने जाते हैं। जो हमेशा डॉ चरणदास महंत के इर्द-गिर्द नजर आते हैं। और इन्हीं के बदौलत उनकी काले कारनामे भी चलते हैं। सभी दो नंबर के काले कारनामो में नजर आते हैं। कोई जमीन दलाली का काम करता है तो कोई सट्टा किंग के नाम से चर्चित है।
इन तस्वीरों को देखकर तो यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि डॉ चरणदास महंत भी इनके काले कारनामों के कारण जो बदनामी होती है। उससे तो नाराज रहते हैं। बावजूद इनके इर्द-गिर्द दिखने वाले छुट भैया नेता भी सबक लेना नहीं चाहते। जिसका बदनामी हमेशा डॉ चरणदास महंत पर लगती है। सक्ती जिले में आए दिन इन्हीं के चलते पूरा शहर बदनाम हो चला है। बावजूद यह आपने काले कारनामों को छोड़ना नहीं चाहते। वही आए दिन नित नए काम करते रहते हैं। किसी का नाम सट्टा बाजी में तो किसी का नाम जमीन दलाली से जुड़ा होता है। वही कोई काले कोयले की व्यापारी है। तो कोई दो नंबर के काम धंधे से जुड़ा हुआ है। यह हमेशा अपने काले कारनामों से इसलिए बच जाते हैं क्योंकि इनके नाम के आगे हमेशा डॉ चरणदास महंत का नाम भी जुड़ा होता है। पुलिस भी इनके ऊपर कार्यवाही करने पर कतराती है। वही इनके हौसले इतने बुलंद हैं कि यह किसी भी हद तक जाने को तैयार रहते है। वही अपने दो नंबरी कामों से पूरे जिले में चर्चित हो गए हैं।
जिले के एक वरिष्ठ एवं प्रतिष्ठित जनप्रतिनिधि के साथ इनका नाम जुड़ा होने के बावजूद ये अपने काले कारनामे को करने शर्म नहीं करते और खुलेआम शहर में अपने आप को विधायक प्रतिनिधि के तौर पर पेश करते हैं। वही अपने नाम के साथ हमेशा छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत के नाम को बदनाम करते आ रहे हैं। सक्ती जिले के गिने-चुने 5 से 6 चेहरे जो हमेशा विधानसभा अध्यक्ष के इर्द-गिर्द नजर आते हैं। वह सब दागदार एवं बदनाम चेहरे हैं। जो अपने शहर, जिले को बदनाम कर ही रहे हैं। साथ ही साथ अपने नेता का भी नाम पूरे विधानसभा में खराब कर रहे हैं। जिसके चलते हमेशा उनके वोटरों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार इनकी शिकायत भी विधानसभा अध्यक्ष तक पहुंचती है लेकिन वे भी मजबूर हैं आखिर इनका करे तो क्या करें।