बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..जिले के सिंचाई विभाग सम्भाग क्रमांक 1 के ईई उमाशंकर राम ,सम्भागीय लेखाधिकारी एस सुमन ,कम्प्यूटर ऑपरेटर समेत 2 अन्य पर शासकीय राशि गबन के मामले में अब कार्यवाही की मांग तेज हो गई है..जिला पंचायत उपाध्यक्ष राधा सिंहदेव ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है..
दरअसल वर्ष 2017-2018 में जिले के देवीगंज जलाशय में वेस्ट वियर ,व स्लुस निर्माण की स्वीकृति मनरेगा से मिली थी..और इस कार्य मे मजदूरी भुगतान ही किया गया था..जिसके बाद विभाग के उपसंभाग क्रमांक 4 के एसडीओ के संज्ञान में यह बात आयी थी..की उस मद से 12 लाख आहरित कर लिए गए है..जिसकी शिकायत उन्होंने सम्भागीय कार्यालय के साथ ही कार्यपालन अभियंता व पुलिस को की थी..और कार्यपालन अभियंता उमाशंकर राम ने जांच कमेटी बनाई थी..और उसी जांच कमेटी ने प्रमाणित किया है..की बगैर भौतिक सत्यापन के मटेरियल सप्लाई के नाम शासकीय राशि का कार्यपालन अभियंता उमाशंकर राम,सम्भागीय लेखाधिकारी एस सुमन के डिजिटल सिग्नेचर से आशु आईटी सेल समेत 3 अन्य लोगो के खातों में शासकीय राशि का भुगतान किया गया है..
वही इस मामले को खुद कार्यपालन अभियंता जांच के बाद भी रफा दफा करना चाहते थे..लेकिन उन्होंने रिकवरी के नामपर जो खेल खेला उसमें वे खुद ही फंस गए..दिलचस्प तो यह है..की कार्यपालन अभियंता राम ने रिकवरी के लिए इस मामले में संलिप्त 2 ठेकेदारों को पत्र लिखा..और पत्र का जवाब नही मिलने पर खुद को बचाने की कवायद में उन्होंने दोनो ठेकेदारों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए..रामानुजगंज थाने में पुलिस ने जांच प्रतिवेदन के आधार पर एफआईआर दर्ज किया..और अब खुद राम भी फंस गए..यही नही शासकीय राशि गबन मामले में एफआईआर दर्ज हुआ,विभागीय जांच में वे दोषी पाए गए..लेकिन अब भी वे पद पर बने हुए है..ना ही उनका निलंबन हुआ है..और ना ही गिरफ्तारी हुई है..जो इस मामले का सबसे आश्चर्यजनक पहलू है.
इस मामले में कार्यवाही को लेकर जिला पंचायत उपाध्यक्ष राधा सिंहदेव ने मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखा है..और ऐसे दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है..