सूरजपुर. बदलते समय के साथ-साथ स्कूल-कॉलेजों में बच्चों के पढ़ने का तरीका भी बदल रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार हो रहे है। बच्चों को कम समय में बेहतर और तनावमुक्त शिक्षा देने के लिए शिक्षक नए-नए प्रयास कर रहे है। स्कूली बच्चों में बैग का बोझ बढ़ रहा है, ऐसे में ऑनलाइन पढ़ाई को भी काफी महत्व दिया जा रहा है।इस बीच छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में स्कूली बच्चों को भारी भरकम बैग से निजात दिलाने के लिए एक सरकारी स्कूल ने नई पहल की है।
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यहां के शिक्षक ने स्कूल को बैगलेस कर दिया है। यानी अब बच्चे बिना बैग के स्कूल जा सकेंगे। यहां के बच्चों को अब भारी भरकम बैग उठाकर नहीं ले जाना पड़ेगा। इतना ही नहीं बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए इन्हें कई तरह की ट्रनिंग दी जा रही है. बच्चों के बैग के बढ़ते वजन को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी कई बार सुझाव दे चुकी है।
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दरअसल, जिला मुख्यालय सूरजपुर से लगभग 8 किलोमीटर दूर रुनियाडीह गांव में शासकीय मिडिल स्कूल है। (Government School) जो अपनी अलग खासियत की वजह से चर्चा में है। कारण है इस स्कूल में बैगलैस सिस्टम और स्कूल में सब्जियां उगाने की पद्धति सिखाने की नई पहल की गई। (Bagless School)
यह जिले का पहला स्कूल (First School in Chhattisgarh) है जहां इस तरह का नया फॉर्मुला अपनाया गया है। ये सब संभव हो पाया है स्कूल के हेडमास्टर सिमांचल त्रिपाठी की वजह से। सिमांचल त्रिपाठी को ये विचार अमेरिका के स्कूलों के बारे में पढ़कर आया। साथ ही इसमें छात्रों और उनके परिजनों ने भी भरपूर साथ दिया और आज यह छोटा सा स्कूल चर्चा का विषय बना है।
इस स्कूल में बच्चे बैग लेकर नहीं आते, बस एक कॉपी लेकर स्कूल पहुंचते हैं और स्कूल के अंदर कमरों में डेस्क पर हर बच्चों का अलग-अलग किताब रखा हुआ रहता है, जिससे वे अध्ययन करते हैं और स्कूल से मिलने वाले होम वर्क को एक कॉपी पर उतारकर उसे घर ले जाते हैं और उसी में सवाल हल कर अगले दिन स्कूल पहुंचते हैं।
स्कूल प्रबंधन ने सिर्फ किताबी पढ़ाई की जगह नए तरीके से बच्चों का विकास करने के लिए कई नए रास्ते अपनाए हैं।अब बच्चों को खेती करने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है। स्कूल कैंपस में ही बच्चों को सब्जी उगाना सिखाया जा रहा है। इस अनोखी पहल को सभी सराह रहे हैं। इस काम को देख जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी भी मुरीद हो गए हैं और इसी तर्ज पर जिले के कई स्कूलों को बैगलैस करने की तैयारी की जा रही है।