जांजगीर-चांपा। जिले के सहायक आयुक्त अदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त पी.सी. लहरे इन दिनों खासे चर्चा में है। अधिकारी पर दर्जनों अनिमितता का आरोप लगा है। पामगढ़ विधायक इंदू बजारे ने भी छात्रवित्त व प्रोत्साहन राशि पर कमीशन मांगने का आरोप लगाया है। तो वही जांजगीर चांपा से प्रकाशित एक दैनिक अखबार के संपादक ने विभाग के अधिकारी पर ही फर्जीवाड़ा कर गलत तरीके से अखबार मे निविदा विज्ञापन छपवाने का आरोप लगा रहा हैं। इस तरह देखा जाय तो सहायक आयुक्त पी सी लहरे पर ऐसे कई आरोप लगे है। जिसका जांच होना अभी बाकी है। शिकायत के बाद कलेक्टर ने फर्जी तरीके से अखबार में निविदा का विज्ञापन छापने वाले मामले मे अधिकारी को शो कॉज नोटिस दिया है।
कुछ दिन पहले भी इसी विभाग के दो छात्रावास अधीक्षक ने छात्रवास में अधिक उपस्थिति बता कर लाखों का राशि का गमन करने का मामला सामने आया था। इस तरह के कई संगीन आरोप अधिकारी पर लग रहे है। लेकिन अभी तक उच्च अधिकारीयों ने किसी भी मामले में जांच नही कराई है। इसलिए उच्च अधिकारीयों के भी कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे है। इसके पहले भी टेंडर को लेकर कर विभाग विवाद में आ चुका है। यह कोई पहली बार नही हुआ कि विभाग में अपने चेहते ठेकेदार को काम दिलाने के नाम पर टेंडर प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा हुआ हो। लगातार विभाग में टेंडर प्रक्रिया हो लेकर विवाद होता है।
मरम्मत के नाम लाखों डकारें अधिकारी..
राज्य शासन द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए आवासीय छात्रावास का संचालन किया जा रहा है। मगर यहां पदस्थ अधीक्षकों की मनमाने रवैये के चलते यहां रहकर पढ़ने वाले छात्रों को मूलभूत सुविधाओं के लिए भटकना पड़ रहा है। आदिम जाति अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा आदिवासी व अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों को अच्छे परिवेश में शिक्षा की सुविधायें उपलब्ध कराने के उद्देश्य से छात्रावास संचालित किये जा रहे हैं। छात्रावासों में प्रीण् मैट्रिक तथा पोस्ट मैट्रिक स्तर के छात्र ण्छात्राओं के लिए निःशुल्क आवास किताबों अखबारों सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था राज्य शासन द्वारा की जाती है। राज्य शासन द्वारा जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में जहां शैक्षणिक सुविधा उपलब्ध नहीं है ऐसे स्थानों में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा छात्रावास व शालाओं की व्यवस्था की गई है। जर्जर हालत मे रह कर बच्चे पढाई कर रहे है। वही विभाग में छात्रावास मरम्मत के नाम पर लाखों का हेरा फेरी होता है। शासन से लाखों का बजट आने के बाउजुद यहां अधिकारी पेपर में ही मरम्मत के नाम पर लाखों खर्च करना बता कर लाखों डकार रहे है।