गौरेला पेंड्रा मरवाही : चुनाव न हुआ, मरवाही में त्यौहार आ गया, आज नेता इस पार्टी में है कल किस पार्टी का नेता बन जाये ये बोल पाना अभी बहुत मुश्किल ही नही, नामुमकिन सा लगता है। कभी नेता जी को पार्टी ने छोड़ा तो कभी नेता जी ने मौका मिलते ही पार्टी को ही छोड़ दिया, मरवाही में कुछ ऐसा ही खेल चल रहा है।
पार्टी के प्रति समर्पण तो महज एक दिखावा है नेता जी को आपनी शान दिखानी है, दिखाए भी क्यों न ? वैसे भी अभी छत्तीसगढ़ में चुनाव को 3 साल बाकी है। जिस ओर ऊठ करवट ले रहा है नेता जी भी उसी तरफ के हो गए कुछ ऐसा ही आज फिर हुआ है।
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही शिवसेना के जिला अध्यक्ष उमेश सिंह पटकाम ने अपने सहयोगियों अर्पन सिंह पैंकरा, जयराज सिओट्टी के साथ आज कांग्रेस में शामिल हुए। पटकाम का कहना है कि राज्य गठन के बाद से ही गौरेला-पेंड्रा-मरवाही का उपेक्षा हुआ है। इस विसंगति को दूर करने के लिये उन्होंने कांग्रेस में आने का फैसला किया है। पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में क्षेत्र के विकास हेतु अपनी सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
ज्ञात हो की जयराज सिंह ओट्टी शिवसेना से विधायक प्रत्यासी हैं जिन्होंने अपना समर्थन कांग्रेस पार्टी को दिया है, साथ ही अर्पन सिंह पैंकरा एवं प्रताप सिंह भानु दोनों ही निर्दलीय प्रत्यासी हैं दोनों ने ही अपना नामांकन वापस लेते हुए अपना समर्थन कांग्रेस प्रत्यासी को देने का फैसला लिए.
इनकी दल बदल की नीति को देखते हुए ऐसा लगता है कि जोड़ तोड़ और तोड़ के जोड़ सायद यही राजनीति धर्म है। जिन्हे ये राजनैतिक नेता बड़ी शिद्दत से निभाते हैं।