Ambubachi Fair, Kamakhya Temple, Brahmaputra river, Kamakhya Temple Secrets : भारतीय सांस्कृतिक विरासत का एक अद्वितीय प्रतीक है। जिसमें अंबुबाची मेला, जो हर साल असम के गुवाहाटी के निकट स्थित कामाख्या मंदिर में मनाया जाता है। इस बार भी विशेष उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाएगा।
कामाख्या मंदिर माता सती के शक्तिपीठों में से एक मानी जाती है, इस उत्सव का मुख्य केंद्र है। इस मंदिर का महत्व यहां मां कामाख्या की योनि मानी जाती है, जिसे भक्त भक्ति और समर्पण के साथ पूजते हैं।
Ambubachi Fair : विशेष धार्मिक अनुष्ठान
अंबुबाची मेला का आयोजन 22 जून से शुरू होकर तीन दिन तक चलता है। इस अवसर पर मां कामाख्या को उनके मासिक धर्म के समय में पूजा जाता है, और इस दौरान माता को उनके गर्भगृह में चले जाने का संकेत माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां कामाख्या के पीरियड्स के दौरान गर्भगृह के कपाट अपने आप ही बंद हो जाते हैं। जो एक अद्वितीय धार्मिक घटना है।
Ambubachi Fair : धार्मिक समागम
अंबुबाची मेला के दौरान भक्तों को विशेष प्रसाद दिया जाता है। गर्भगृह के चारों दिशाओं में सफेद रंग के कपड़े को बिछाया जाता है। जो बाद में लाल हो जाते हैं। इस प्रसाद को लोग अपने साथ लेकर अपने घर जाते हैं, जिसे धार्मिक मान्यता के अनुसार विशेष शक्ति और समृद्धि मानी जाती है।
Ambubachi Fair : ब्रह्मपुत्र नदी का रहस्यमय रंग
अंबुबाची मेला के दौरान एक और अनोखी घटना देखने को मिलती है, जब ब्रह्मपुत्र नदी का पानी अपने आप ही लाल हो जाता है। यह मान्यता है कि इसका कारण मां कामाख्या देवी के मासिक धर्म का होता है, जिससे नदी का पानी लाल हो जाता है। यह घटना उत्सव को और भी रहस्यमय बनाती है और भक्तों में आश्चर्य और श्रद्धा पैदा करती है।
Ambubachi Fair :सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक
अंबुबाची मेला 2023 भारतीय संस्कृति और धर्म की विविधता का एक प्रतीक होगा, जो भारतीय उपमहाद्वीप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यहां आने वाले भक्तों को एक अनूठा अनुभव और धार्मिक समृद्धि मिलती है, जो इसे विशेष बनाता है। इस प्रकार अंबुबाची मेला 2024 एक बार फिर से भारतीय संस्कृति और धर्म के अमूल्य धरोहर को उजागर करेगा, जिससे यह उत्सव भारत की रूचि और समृद्धि का प्रतीक बनेगा।