फ़टाफ़ट डेस्क। प्राकृतिक बीच, खूबसूरत हरियाली और नेशनल मरीन रिजर्व के लिए इस आइलैंड को जाना जाता है। कहा जाता है कि यहां जा कर मरीजों की तबियत खिल जाती है ये जगह उन मरीजों के लिए ज्यादा अच्छी है, जो अभी अभी किसी बीमारी से ठीक होकर लौटे है। इसलिए अभी यहां पर सिर्फ वही लोग जा सकते है जिनको कोरोना वायरस हुआ हो और अब वे ठीक हो गए हो। दुनियाभर से पर्यटक यहां आते है। यह यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में भी शामिल है।
कोरोना महामारी के बीच एक आइलैंड ने अपने यहां आने वाले पर्यटकों के लिए शर्त रखी है कि आगंतुकों का कोरोना से रिकवर होना जरूरी है। इस आइलैंड पर रोज सीमित संख्या में ही लोगों को एन्ट्री की इजाजत दी जाती है। स्थानीय अधिकारियों ने कहा है कि शर्त पूरी करने वाले टूरिस्ट एक सितंबर से यहां आ सकते है। विजिटर्स को कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए जाने की रिपोर्ट साथ लेकर आना होगा। रिपोर्ट कम से कम 20 दिन पुरानी होनी चाहिए। साथ ही आइलैंड पर आने के लिए पर्यावरण संबंधी टैक्स भी चुकाना होगा। यहां नई शर्त इसलिए लगाई गई है ताकि आइलैंड पर रहने वाले सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।