रपटा के ऊपर बन रही है भ्रष्टाचार की पुलिया, कार्यस्थल पर कोई सूचना पटल तक नही, वन विभाग का नया कारनामा

बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)…जिला मुख्यालय से महज 7 किलोमीटर दूर सेमरसोत अभ्यारण्य क्षेत्र में स्थित पर्यटन स्थल के नाम से प्रसिद्ध पवई फॉल पहुँच मार्ग पर इन दिनों रपटा व पुलिया निर्माण किया जा रहा है..लेकिन किस मद से यह निर्माण कार्य कराया जा रहा है..इसकी किसी प्रकार की जानकारी देने वाली सूचना पटल नही लगाई गई..इतना ही नही लगातार मिल रहे गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य की सूचना के बाद आज राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम के सांसद प्रतिनिधि धीरज सिंहदेव,बलरामपुर जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष भानुप्रकाश दीक्षित पहुँचे थे..वही ग्रामीणों की शिकायत सही पाए जाने के बाद मामले की शिकायत विभाग के आलाधिकारियों से कर दी है..

बता दे कि सेमरसोत अभ्यारण्य क्षेत्र में स्थित पवई फॉल में लोगो का आना-जाना लगा रहता है..ऐसे में पर्यटन स्थल के रूप में पहचाने जाने वाले पवई फाल के वृहंगम दृश्य को स्थल तक पहुचने कच्ची सड़क का निर्माण कुछ वर्षों पूर्व सेमरसोत अभ्यारण्य क्षेत्र के द्वारा करवाया गया था.. और वर्तमान समय मे पवई फॉल पहुँच मार्ग पर विभाग के द्वारा ही रपटा और पुल निर्माण का कार्य कराया जा रहा है..तथा वनांचल में हो रहे इस निर्माण कार्य मे वन परिक्षेत्र सहायक विजयनाथ तिवारी के जिम्मे है..लेकिन जंगल के अंदर हो रहे इस निर्माण कार्य मे इस कदर गुणवत्ता का मखौल उड़ाया गया है..जिसकी कोई सीमा ही नही है..लगातार ग्रामीणों से गुणवत्ता को लेकर मिल रही शिकायत के बाद आज जनप्रतिनिधि मौके पर पहुँचे थे..इस दौरान मजदूरों द्वारा पुल की ढलाई का कार्य जारी था..सूत्रों की माने तो पुल की लागत लगभग 10 लाख रुपये है..जबकि नवनिर्मित रपटा की लागत 7 लाख रुपये है..और नियमानुसार मौके पर ना ही सूचना पटल की स्थापना की गई है..और ना ही मौके पर जनप्रतिनिधियों को विभागीय अमला नही मिला..

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जानकारी के मुताबिक पुल की ढलाई लगभग 16 एमएम के छड़ से की जानी चाहिए थी..लेकिन विभाग के कर्मचारियो द्वारा 8 एमएम का छड़ डाल कर ही ढलाई का कार्य सम्पन्न करा दिया गया..वही मौके मौजूद जनप्रतिनिधियों ने मौके पर पहुँचकर निर्माणाधीन पुल व नवनिर्मित रपटा का निरीक्षण किया..तथा विभाग के आलाधिकारियों से इस सम्बंध में शिकायत की है..

बहरहाल वनांचल में होने वाले निर्माण कार्यो पर किस तरह से धांधली की जाती है..उसका एक उदाहरण आज देखने को मिला है..और इन पंक्तियों के लिखे जाने तक विभाग के किसी भी जिम्मेदार अधिकारी से सम्पर्क नही हो पाया है..ऐसे मेंअब देखने वाली बात है..की गुणवत्ता को लेकर की गई इस शिकायत पर क्या कार्यवाही होगी?.