दूसरी बात यह है कि घनबाद के मैनेतंड क्षेत्र की सभी कुतिया मोहित नाम के इस बच्चे को अच्छे से जानती भी हैं। मोहित के माता पिता भी इसकी यह आदत छुड़वाने में नाकाम रहें हैं। मोहित की मां का इस बारे में कहना है कि जब मोहित छोटा था तब वह अकेला खेल रहा था और वह अचानक पास खड़ी एक कुतिया का दूध पीने लगा। इसके बाद जब भी उसको मौका मिलता वह ऐसा करने से नहीं चूकता था। इसके बाद उसको इसकी आदत लग गई। मोहित के माता-पिता इस बात से काफी घबराये हुए हैं कि मोहित कहीं रेबीज की चपेट में न आ जाए इसलिए वे उसको लेकर पाटलिपुत्र के मेडिकल कॉलेज में गए, जहां से वर्तमान में मोहित का इलाज चल रहा है। उसको रेबीज से बचाव की तथा इस आदत को छुड़ाने की दवाईयां दी जा रही है। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों का कहना है कि कुतिया का दूध बच्चे के लिए हानिकारक नहीं होता है परंतु फिर भी इससे रेबीज का खतरा बना रहता है।