सचिन के बेटे अर्जुन का चयन सही.. धवानणे

मुंबई

पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया में एक बहस चल रही है कि क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी पारी खेलने वाले प्रणव धनावड़े की जगह सचिन तेंदूलकर के बेटे अर्जुन ने ली है। बहस इस बात की भी है कि अर्जुन तेंदुलकर को अपने पिता के नाम का फायदा मिला है तो वहीं प्रणव धनावड़े को एक ऑटो चालक का बेटा होने का खामियाजा भुगतना पडा है। लेकिन प्रणव के पिता ने इस बात का निराधार बताते हुए अर्जुन तेंदुलकर के चयन को सही बताया है और इस बहस को समाप्त करने की अपील की है।

दरअसल पिछले हफ्ते अंडर-16 वेस्ट जोन की टीम का चयन हुआ। जिसमे ऑलराउंडर अर्जुन तेंदुलकर का नाम तो था लेकिन विकेट कीपर बल्लेबाज और वल्र्ड रिकॉर्डधारी प्रणव धवानणे का नाम गायब था।  लेकिन इस हाई प्रोफाईल बहस को प्रणव धनावड़े के पिता ने ये कहते हुए विराम लगा दिया कि अर्जुन तेंदुलकर का चयन बिल्कुल सही हुआ है, और मेरा बेटा प्रणव नियम के मुताबिक़ चयन के क़ाबिल नहीं है।

एक अंग्रेजी अखबार http://www.firstpost.com/sports/arjun-tendulkars-progress-is-due-to-hard-work-not-his-surname-pranav-dhanawades-father-clears-the-air-2810962.html  में प्रशांत धनावड़े ने कहा, “जब प्रणव ने 1009 रनों का रिकॉर्ड बनाया था, तब वह 16 साल की उम्र का था ही नहीं। और मुंबई की अंडर-16 टीम का चयन प्रणव के रिकॉर्ड से पहले ही हो गया था। प्रणव ने उस रिकॉर्ड पारी के बाद बस एक मैच खेले हैं, लिहाज़ा वह ज़ोनल की टीम के लिए चयन के क़ाबिल ही नहीं हैं। इतना ही नही प्रणव के पिता ने ये भी कहा कि चयनकर्ताओं ने ज़ोनल टीम में चयन का पैमाना मुंबई के लिए पिछले 2-3 सालों का प्रदर्शन रखा था, और मेरा बेटा मुंबई के लिए खेला ही नहीं था तो उसके चयन का सवाल ही नहीं उठता।

हालाकि 1009 रन बनाने वाले प्रणव धनवाडे के पिता के इस बयान के बाद सचिन तेंदुलकर जैसे महान खिलाडी की छवि पर उठ रहे सवाल थम जाएगे। लेकिन कुछ भी हो सचिन जैसे लोकप्रिय , सरल और सुलझे हुए इंसान के खिलाफ सोशल मीडिया की ये हडबडी समझ से परे है।