अम्बिकापुर रविवार की दोपहर लगभग डेढ बजे एक ऐसी घटना हुई .. जिसे सुनकर आप सहम जाएगें… क्योकि इस घटना मे एक मासूम बच्ची को एक बोलेरो चालक ने अपनी चपेट मे लिया… और जब दर्द से कराहती मासूम की चीख सुनकर उसकी मां पनी बच्ची के पास पहुंची… तब उसने अपनी बच्ची का हाथ उसके शरीर से अलग पाया… और फिर वो बेबस मां अपनी बच्ची का हाथ लेकर काफी देर तक चिखती रही……
दरअसल आज रविवार की दोपहर करीब डेढ बजे लुण्ड्रा थाना क्षेत्र के झेराडीह निवासी अपनी बोलेरो वाहन को लेकर अम्बिकापुर से अपने गांव झेराडीह जा रहा था…. तभी रास्ते मे पडने वाले बाबापारा हरिसाडाँड़ मे सडक किनारे खेल तीन वर्षीय गायत्री को उसने अपनी चपेट मे ले लिया… प्रत्यक्षदर्शियो के मुताबिक बोलेरो चालक जय त्रिपाठी ,पिता बृजराज त्रिपाठी इतनी तेज गति मे था कि उसने अपना नियंत्रण खो दिया और ये दर्दनाक घटना हो गई ….गांव के लोगो से मिली जानकारी के अनुसार तेज रफ्तार के कारण घटित इस घटना मे वाहन चालक की चालक की लापरवाही से चारपहिया वाहन मासूम गायत्री के हाँथ को पार करते हुए आगे बढ गया …. और इस दर्दनाक घटना मे बालिका का हाँथ उसके शरीर से पूरी तरह अलग हो गया… हालाकि गनीमत ये थी कि घटना बच्ची के घर के पास हुई और उसकी आवाज सुन उसके परिजन फौरन घर से बाहर निकल आए… जिसके बाद गायत्री का मा अपने कलेजे के तुकडे का कटा हाथ को जमीन से उठा कर चीखने लगी …
भागने की कोशिश मे पकडाया ड्रायवर
इधर 3 साल की गायत्री के साथ इतनी बडी घटना करने के बाद बोलेरो चालक वाहन लेकर भागने लगा…. लेकिन गांव के युवको नें घटना के आरोपी युवक जय त्रिपाठी का पीछा करके पकड लिया… और फिर गांवो वालो ने आरोपी युवक के वाहन से गंभीर रुप से घायल गायत्री को मेडिकल कालेज अस्पताल भिजवाया जहां उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है…
हमे भी दुख है.. हम भी परेशान है
घटना के संबंध मे बोलेरो चालक के भाई अनिमेष त्रिपाठी ने बताया कि जब हादसा हुआ उसके बाद मेरा भाई भाग नहीं रहा था.., वो खुद बच्ची को लेकर पहले बरगीडीह अस्पताल गया.. उसके बाद प्राथमिक इलाज करा कर हम लोग उसे अम्बिकापुर जिला अस्पताल ले आए… हम लोगों ने बच्ची का हाथ जुडवाने के लिए शहर के कई डाक्टरों के साथ बिलासपुर. रायपुर. नागपुर के डाक्टरों से बात की है…. अभी भी हम बच्ची के साथ अस्पताल मे हैं
घटना के संबंध मे बोलेरो चालक के भाई अनिमेष त्रिपाठी ने बताया कि जब हादसा हुआ उसके बाद मेरा भाई भाग नहीं रहा था.., वो खुद बच्ची को लेकर पहले बरगीडीह अस्पताल गया.. उसके बाद प्राथमिक इलाज करा कर हम लोग उसे अम्बिकापुर जिला अस्पताल ले आए… हम लोगों ने बच्ची का हाथ जुडवाने के लिए शहर के कई डाक्टरों के साथ बिलासपुर. रायपुर. नागपुर के डाक्टरों से बात की है…. अभी भी हम बच्ची के साथ अस्पताल मे हैं