जांजगीर-चांपा। जिले के पत्रकारों ने बीते 18 फरवरी से अपने आंदोलन को तीन दिनों के लिए स्थगित किया था। इस बीच जिला प्रशासन और पत्रकारों के बीच हुई वार्ता में जिला पंचायत सीईओ मसले का पटाक्षेप हो गया। जबकि विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत की ओर से किसी तरह की पहल नहीं हुई। ऐसे में पत्रकारों ने आज शहर के बीडी महंत उद्यान में एक बैठक की, जिसमें अनिश्चतकालीन आंदोलन को समाप्त करते हुए डॉ. महंत की प्रेसवार्ता सहित विभिन्न कार्यक्रमों का बहिष्कार करते हुए अपने आंदोलन को तब तक जारी रखने का निर्णय लिया, जब तक डॉ. महंत को अपनी भूल का अहसास न हो जाए।
जिला मुख्यालय जांजगीर स्थित बीडी महंत उद्यान में आज दोपहर 12 बजे आयोजित बैठक में पत्रकार बड़ी संख्या में शामिल हुए। बैठक के दौरान तीन दिनों के लिए स्थगित आंदोलन के संबंध में चर्चा की गई। आपकों बता दें कि बीते 4 फरवरी को जिला पंचायत सीईओ अजीत बसंत के चेंबर में पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार हुआ था, तब पत्रकारों ने जाज्वल्यदेव लोक महोत्सव के प्रारंभ में मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत के समक्ष इस घटना का विरोध जताया, लेकिन डॉ. महंत ने यथास्थिति को समझने के बजाय उल्टा पत्रकारों को कार्यक्रम स्थल से बाहर जाने को कह दिया। इससे पत्रकार और भड़क गए और उन्होंने इसी समय से विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत और जिला पंचायत सीईओ के खिलाफ बिगुल फूंक दिया। इस बीच पत्रकारों ने कैंडल मार्च और बाइक रैली निकालकर विरोध जताया। इसके बाद पत्रकारों ने बीते 12 फरवरी से अनिश्चितकालीन आंदोलन प्रारंभ हुआ। पत्रकारों कायह आंदोलन धीरे-धीरे तेज हो रहा था। इसी बीच बीते 17 फरवरी को कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मंडल ने धरनास्थल पहुंचकर डॉ. महंत और जिला पंचायत सीईओ के संबंध में ठोस आश्वासन दिया था। इसके चलते पत्रकारों ने अपने आंदोलन को तीन दिनों के लिए स्थगित कर दिया था। इस बीच शहर के सर्किट हाउस में जिला प्रशासन और पत्रकारों की बैठक हुई, जिसमें जिला पंचायत सीईओ अजीत बसंत ने खेद प्रकट किया। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत की ओर से अब तक किसी तरह का संदेश नहीं आया है। इससे नाराज पत्रकारों ने आज बैठक कर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत की प्रेसवार्ता सहित उनके विभिन्न कार्यक्रमों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया। बैठक के दौरान सबकी सहमति बनी कि जिले के पत्रकार जल्द रायपुर जाकर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत का मीडिया के प्रति दुर्व्यवहार को लेकर राज्यपाल, मुख्यमंत्री और कांग्रेस हाईकमान राहुल गांधी को शिकायत पत्र प्रेषित करेंगे। बैठक में यह भी सहमति बनी कि जब तक डॉ. महंत अपनी गलती स्वीकार नहीं करेंगे तब तक यहां के पत्रकारों का यह आंदोलन जारी रहेगा। चुनाव के दौरान यदि कांग्रेस के किसी बड़े नेता की प्रेसवार्ता होगी तो उसमें भी विधानसभा अध्यक्ष के इस रवैया पर सवाल उठाया जाएगा। बैठक में जांजगीर और चांपा को मिलाकर एक सशक्त प्रेस क्लब गठन करने पर भी सहमति बनी, ताकि पत्रकार एकता आगे भी कायम रहे।