वाह रे साहब का अंदाज…. जूता मुह के सामने रख कर करते है बात

रामानुजगंज

सोशल नेटवर्क साईट वाट्सएप मे बढती पत्रकारिता के बीच छत्तीसगढ के बलरामपुर जिले एक ऐसी तस्वीर सामने आए है जिसने पढे लिखे अधिकारी वर्ग की बुद्दिमानी पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। मामला रामानुजगंज मे शासन की योजना अंतर्गत संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्र का है। जंहा कल दोपहर रामानुजगंज के एसडीएम निरीक्षण के लिए पंहुचे तो उन्हे ये समझ नही आया कि,  वो जिस सेंटर का निरीक्षण करने आए है वंहा नौनिहालो को इसलिए रखा जाता है क्योकि उनको कुपोषित से सुपोषित किया जा सके। लेकिन बिस्तर पर जूता रखकर साहब जिस अंदाज मे बच्चो की खैर खबर ले रहे है। उससे उनकी मानषिकता का अंदाजा लगाया जा सकता है।

दरअसल कुछ बोलने की जरुरत नही है क्योकि तस्वीर खुद बोलती है। लेकिन साहब का परिचय देना जरुरी है, दरअसल पोषण पुनर्वास केन्द्र मे चमचमाते जूते को बिस्तर मे रखकर सामने बैठी महिला से हाल चाल जानने वाले अधिकारी का नाम है डाँ जगदीश सोनकर । जो एमबीबीएस की पढाई करने के बाद करने के बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा मे चयनित हुए और अब बलरामपुर रामानुजगंज जिले मे एसडीएम के पद पर पदस्थ है। लेकिन हैरानी की बात है कि खुद डाक्टर होने के बाद भी श्री सोनकर शायद ये भूल गए कि वो उस कुपोषित बच्चे के मुह के सामने अपना जूता टिका कर खडे है, जिनकी चिंता करते हुए सरकार ने एक व्यवस्थित पोषण पुर्नवास केन्द्र की स्थापना की है और यंहा बच्चो की बेहतरी के लिए उनको विभिन्न क्रियाकलापो के जरिए  जंहाउनका मानषिक विकास किया जाता है वही पोष्टिक आहार के जरिए शारीरिक विकास किया जाता है। लेकिन साहब को क्या वो तो I YES है। जो बच्चो को क्या पूरे जिले को जूते की नोक पर रख सकते है।