पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत में राम रहीम के खिलाफ हत्या के दो मामलों में सुनवाई शुरू हो गई है. सुनवाई के मद्देनजर कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. साध्वियों के यौन शोषण मामले में 20 साल जेल की सजा काट रहे डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रहीं हैं. कई अदालतों में उसके खिलाफ करीब आधा दर्जन संगीन मामले चल रहे हैं. जिनमें सख्त सजा का प्रावधान है, लेकिन आज हत्या के दो मामलों में अहम सुनवाई हो रही है, जो बाबा के लिए मुसीबतों का सैलाब ला सकती है.
– कोर्ट में राम रहीम को सुनारिया जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया है. जबकि उसके वकील एसके गर्ग कोर्ट में खुद मौजूद हैं. जबकि सीबीआई के तरफ से उनके वकील एचपीएस वर्मा कोर्ट में मौजूद हैं. हत्या के इन दोनों मामलों में राम रहीम को मिलाकर कुल 8 आरोपी बनाए गए हैं. जिनमें से सात को आज कोर्ट में लाया गया है.
– सुनवाई के मद्देनजर कोर्ट परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. सुरक्षा के लिहाज से पुलिस ने पंचकूला कोर्ट परिसर के आसपास सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं. कोर्ट की तरफ जाने वाले रास्तों पर पुलिस के साथ पैरामिलिट्री फोर्स को तैनात है.
ये दोनों मामले पत्रकार छत्रपति और डेरे के पूर्व मैनेजर रंजीत की हत्या से जुड़े हैं. 24 अक्तूबर 2002 को सिरसा के सांध्य दैनिक ‘पूरा सच’ के संपादक रामचन्द्र छत्रपति को उनके घर के बाहर गोलियों से छलनी कर दिया गया था. 21 नवम्बर 2002 को छत्रपति की दिल्ली के अपोलो अस्पताल में मौत हो गई थी.
इस मामले में 10 नवम्बर 2003 को सीबीआई ने डेरा प्रमुख के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी. आरोप है कि रामचन्द्र छत्रपति ने बाबा के खिलाफ अपने अखबार पूरा सच में खबर छापी थी. जिस कारण उनकी हत्या कर दी गई.
इन दोनों ही मामलों में पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट में सुनवाई अंतिम दौर में है. उम्मीद है कि 16 सितंबर से इन दोनों मामलों पर अंतिम बहस शुरू हो जाएगी. डेरा सच्चा सौदा के वकील एसके गर्ग के मुताबिक गुरमीत राम रहीम को सुनारिया जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया जाएगा.
वहीं इस अहम सुनवाई के मद्देनजर हरियाणा पुलिस ने पंचकूला कोर्ट परिसर के आसपास सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं. कोर्ट की तरफ जाने वाले रास्तों पर हरियाणा पुलिस के साथ पैरामिलिट्री फोर्स को तैनात किया गया है. इस अहम सुनवाई के दौरान कानून-व्यवस्था की स्थिति ना बिगड़े, इसके लिए तमाम बंदोबस्त किए गए हैं.