एक जैसे कपड़े पहनकर किसी प्रोग्राम का प्रमोशन करना कोई नई बात नहीं है, पर आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में जानकारी दे रहें हैं, जहां के युवक और युवतियां एक जैसे ही कपड़े पहनते हैं। जी हां, इस गांव की विशेषता यही है कि यहां के युवक और युवतियां एक जैसे ही कपड़े पहनते हैं। आज लोग जब इन युवक और युवतियों को देखते हैं तो वे चकित हो जाते हैं और समझ नहीं पाते हैं कि आखिर इस गांव के युवक और युवतियां एक जैसे कपड़े आखिर क्यों पहनते हैं, तो आज हम आपको इस गांव और इसके युवक और युवतियों द्वारा एक जैसे कपड़े पहनने के पीछे के कारण के बारे में बता रहें हैं।
असल में एक जैसे कपड़े पहनने की यह परंपरा दक्षिणी राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में रहने वाले आदिवासियों में है। ये आदिवासी होली का उत्सव अपनी जनजाति के हिसाब से अलग प्रकार से मनाते हैं और इस उत्सव में एक प्रकार का नृत्य भी होता है, जिसको “गेर” कहा जाता है। इस नृत्य में भाग लेने के लिए यह आदिवासी लोग एक जैसे कपड़ें पहनते हैं तथा इन कपड़ों को पहनकर, वे अपने अन्य सभी कार्य भी पूरे करते हैं। एक जैसे कपड़े पहनने के पीछे असल में कोई परंपरा नहीं है बल्कि यह एकता का प्रतीक है और यह चलन इन आदिवासी जातियों में पिछले कुछ वर्षों में ही शुरू हुआ है।