जांजगीर चांपा। जिला मुख्यालय का जिला हाॅस्पिटल सिर्फ सर्दी, खंासी,बुखार, के इलाज के लिए जाने जाता है. यहां गंभीर बीमारी के लिए न तो डांक्टर है। किसी प्रकार का समय में ईलाज हो पाता। जिला हाॅस्पिटल प्रबंधन मरीजो के स्वास्थ्य सुविधाओं मे ध्यान न देकर हाॅस्पिटल के साज सजावट में लाखो फिजुलखर्च कर कर रहा है. इस कार्य के लिए लाखो रूपये पानी में बहा रहे है। मरीजो के लिए न तो गर्मीयों में पर्याप्त कुलर, पंखे, ठंडा पानी की व्यवस्था होती है और न ही समय में ग्रामीण इलाको से आये मरीजो को जेनेरिक दवाईयां मिल पाती। इस ओर हाॅस्पिटल प्रबंधन का ध्यान नही हैं। हाॅस्पिटल के साज सजावट के लाखो खर्ज करने की उपयोगिता नही दिखती बावजुद प्रंबधन लाखो रूपये इसमें खर्च कर रहा है। जहां मरीजो के लिए कुलिंग वाटर एटीएम वर्षो से खराब पड़ा हुआ इस ओर किसी का ध्याान नही है। तो वही यहां दर्जनो एम्बुलेंस कबाड़ हो रहा हैं। इस प्रकार मरीजो को सुविधा देने के नाम पर प्रबंधन के बजट का रोना रो रहा है।
एक्सरे मशीन होता है बार -बार खराब…
जिला हाॅस्पिटल जहां लाखो खर्च कर सजावट का काम करा रहा है जितना खर्ज साज सजावट मे कर रहे उतने में एक नया एक्सरे मशीन आ जाता पर इस ओर हाॅस्पिटल प्रंबधन का ध्यान नही है। यहां आये दिन एक्सरे मशीन खराब पड़ा रहता हैं। जिससे दूर -दूर से आये मरीजो को ज्यादा खर्च कर नीजि क्लीनिक में एक्सरे कराना पड़ता हैं। वही न तो मरीजो को जेनेरिक दवा मिलती है और ही जिला हाॅस्पिटल जैसी सुविधाऐ।
सोनोग्राफी के लिए फटकना पडता है मरीजो को….
जिला हाॅस्पिटल में प्रेग्नेंसी के समय महिलायो को मिलने वाली सोनोग्राफी की सुविधाऐ समय पर नही मिलती। जिससे उन्हे इधर उधर फटकना पड़ता हैं . हाॅस्पिटल प्रबंधन इन फिजुलखर्च के बजाय इन जरूरी सुविधाओ वाली मशीनो की खरीदी करता तो मरीजो का सुविधाऐ मिलने मे असानी होती।