जांजगीर चांपा। जांजगीर चांपा जिले के पामगढ़ विधान सभा सीट रिर्जव सीट होने के साथ अनु.जाति वोटरों की संख्या ही उम्मीदवारो की हार-जीत तय करती है। इस लिए यह सीट तब तक भाजपा विधायक अंबेश जागडें़ के लिए सुरक्षित कहा जा सकता था,जब तक बसपा व जोगी कांग्रेस का गठबंधन नही हो पाया था. पर एन वक्त पर बसपा व जोगी कांग्रेस के गठबंधन हो जाने के बाद अंबेश के लिए यह सीट अब बिगड़ते दिख रही हैं । भाजपा के लिए इस सीट पर पार बाना अब बड़ी मुश्किल हो सकती है. या भाजपा कोई नई समीकरण बना कर ही इस सीट को बचा पायेगी। पामगढ़ विधानसभा यहां कुल वोटरो की संख्या 194329 है, तो वही पुरूष वोटर 100814 है, तो महिला वोटर 93515 है। पामगढ़ विधानसभा मे पहली बार भाजपा ने खाता खोकर एक नया इतिहास कायम किया था। जिसमें बसपा के दुजराम बौध को हरा कर भाजपा से अबंेश जागडें विधानसभा पहुचें थें। इन दिनो चुनावी सर्वेे के अनुसार हवा का रूक कुछ बदला -बदला सा लग रहा है। वही क्षेत्र में बहुत से ऐेसे मुददे है जो मौजुदा विधायक के लिए सिर दर्द साबित हो सकती हैं। क्षेत्र मे उच्च शिक्षा की बात की जाय या स्वास्थ सुविधाओं की बात करे जनता इन दोनो मुददो के लिए विधायक को ही जिम्मेदार ठहरा रहे है। इन पांच वर्षो मे यहंा न उच्च शिक्षा की मांग पूरी हुई न ही क्षेत्र स्वास्थ्य सुविधाओ मे सुधार आई.जनता इसलिए नाराज दिख रहे हैं। साथ यहां की पेयजल की समस्या यथावत बना हुआ है। आने वाले दिनो में जनता इसका हिसाब विधायक से जरूर पुछेगी। वही इस बार बसपा व जोगी कांग्रेस के गठबंधन से वोटरो की विभाजन भाजपा को नुकशान पहुंचा सकता है। पामगढ़ क्षेत्र मे जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ताओ की अच्छी फौज तो यह बसपा का गढ़ बाना जाता हैं। पिछले 2013 के विधानसभा मे बसपा से मौजुदा विधायक 5 हजार से ज्यादा वोटर से जीत हासिल किये थे। वही इस बार जोगी कांग्रेस व बसपा के साथ-साथ ुचनाव लड़ने से भाजपा को नुकसान का सामना करना पड़ सकता हैं। पामगढ़ में कांग्रेस पार्टी की बाद की जाये तो यहां पिछले विधानसभा चुनाव मे तीसरी नंबर मे होने के साथ वोटर की संख्या में बहुत कमी आई है। लिहाजा जोगी कांग्रेस व बसपा के गठबंधन से कांग्रेस की कोई नुकसान नजर नही आ रहा है । इससे भाजपा को नुकसान होते दिख रहा है। अब देखना होगा कि भाजपा इस सीट को कायम रखने के क्या र्फामुला आपना रही है।