अम्बिकापुर छत्तीसगढ की राजनीति मे अविभाजित सरगुजा जिले की 8 और सरगुजा संभाग की 14 विधानसभा सीटो का गुच्छा हर पार्टी को गुलदस्ता नजर आता है… औऱ यही वजह है कि चुनाव के नजदीक आते ही क्षेत्र मे देश के बडे नेताओ की चहलकदमी तेज हो जाती है… कुछ दिन पहले कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने यहां के सीतापुर मे सभा की तो अब भाजपा के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह अम्बिकापुर आने वाले है…. लेकिन इसको लेकर सिसायत भी तेज हो गई है..
अमित शाह की निगाह अब छत्तीसगढ पर
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कई प्रदेश मे अपनी रणनीति के तहत पार्टी को चुनाव जितवाने वाले अमित शाह की निगाहे अब छत्तीसगढ मे होने वाले आगामी चुनाव मे है…कर्नाटक चुनाव मे मात खाने के बाद पार्टी अध्यक्ष श्री शाह अब छत्तीसगढ मे शह मात की शतरंज खेलने के लिए बैचेन है.. और शायद यही वजह है कि समय रहते ही शाह छत्तीसगढ मे चुनावी कैंपियन शुरु करने वाले है.. जिसके लिए उन्होने सबसे पहले छत्तीसगढ के आदिवासी बाहुल्य सरगुजा जिले का चयन किया है… और स्वाभाविक सी बात है कि पार्टी अध्यक्ष के आने की खुशी तो हर पार्टी नेता को होती है… तो फिर सरगुजा भााजपा के अध्यक्ष अखिलेश सोनी भला पीछे कैसे रहते .. उन्होने बताया कि 10 जून को अमित शाह के दौरे की तैयारी शुरु हो गई है.. और श्री शाह अम्बिकापुर के पीजी कालेज ग्राउण्ड मे 1 लाख लोगों को संबोधित करेंगे…
कोई फर्क नही पडता
एक तरफ जहां भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष के पहले अम्बिकापुर दौरे को लेकर भाजपाईयो मे खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है… तो दूसरी ओर कुछ दिन पहले जिले के सीतापुर मे अपने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की सभा करवाने वाले नेता प्रतिपक्ष टी.एस.सिंहदेव मानते है कि किसी भी बडे नेता के एक दिन के किसी के आने से , मुझे ये नही लगता कि वो किसी भी दल का नेता आए तो जमीन आसमान का अंतर आ जाए…. बस लोग बडे नेता को सुनने आ जाते है.. क्योकि आज का मतदाता परिपक्व हो गया है… वो देखता है 5 साल हमारे किसने क्या किया है…. लेकिन दिल्ली सरकार ने 4 साल मे कुछ किया नही है… इतना ही नही श्री सिंहेदव ने ये भी आशंका जाहिर की है , कि अमित शाह की सभा मे भीड जुटवाने के लिए भाजपा के लोग शासकीय तंत्र का भी उपयोग कर सकते है…
क्योकिं चुनाव आने वाला है……..
वैसे नेता प्रतिपक्ष टी.एस.सिंहदेव की बातो पर गौर करे तो किसी भी दल के नेता का एक दिन के प्रवास से क्षेत्र मे कोई प्रभाव नही पडता,, मतलब तो यही है कि पहले राहुल गांधी के सीतापुर दौरे से कांग्रेस को प्रभाव नही पडा और अब अमित शाह का दौरा भाजपा के लिए प्रभावी नही होगा… बहरहाल शह मात के सिद्दांत पर काम करने वाले राजनिती मे सब जायज है.. और वैसे भी चुनाव आते ही बयानबाजियो का तंज नुकीला ना होतो फिर पता कैसे चलेगा कि चुनाव आने वाला है……