22 अक्टूबर दहशरा की देर शाम दिये थे घटना को अंजाम
अम्बिकापुर
नगर से लगे रामानुजगंज मार्ग पर स्थित रविशंकर पेट्रोप पंप में गत 22 अक्टूबर 2015 दहशरा पर्व की शाम तीन नकाब पोस बाईक सवारों द्वारा लगातार 8 बार फायरिंग करने के मामले में पुलिस ने उसके मुख्य शूटर को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस जांच में यह बात सामने आई थी कि पेट्रोल पंप के मैनेजर की हत्या के इरादे से नकाब पोशों ने गोली चलाई थी। घटना के बाद पुलिस ने 25 फरवरी 2016 को मामले में शामिल तीन में से दो आरोपियों विजेन्द्र सिंह व राहुल सिंह को गिरफ्तार कर लिया था। घटना के दौरान फायरिंग करने वाले शूटर की तलाश की जा रही थी। क्राइम ब्रांच ने उसे बिहार के बक्सर जिला अंतर्गत वीरगंज से गिरफ्तार किया है। पेट्रोल पंप में फायरिंग की पूरी घटना वहां लगे सीसी टीवी कैमरे में कैद हो गई थी। जिसके आधार पर बिहार निवासी राहुल सिंह व उसके रिश्तेदार शूटर जैक सिंह की पहचान पुलिस ने पहले ही कर ली थी।
गौरतलब है कि 22 अक्टूबर दहशरे की शाम रामानुजगंज मार्ग में आईजी बगले से महज 200 मीटर की दूरी पर स्थित रविशंकर पेट्रोल पंप में लगातार 8 राउंड़ फायरिंग की घटना ने शहर में दहशत का माहौल व्याप्त कर दिया था। पेट्रोल पंप में पहुंच बाईक सवार तीन नकाब पोश युवकों ने बाईक से पेट्रोल पंप संचालक के कार्यालय में निशाना लगाते हुय 8 एमएम पिस्टल से लगातार फायरिंग की थी। दहशत से आफिस में बैठे मैनेजर जितेन्द्र पाण्डेय व सेल्स मैन राज कुमार राजवाड़े, अजय उर्फ मोनू जरक और बसंत भगत टेबल के नीचे छुप कर अपनी जान बचाई थी। फायरिंग के बाद तीनों युवक बाईक में सवार होकर शंकर घाट की ओर फरार हो गये थे। घटना के बाद क्राईम ब्रांच व कोतवाली टीम ने मौके से चार जिंदा कारतूस भी जब्त किये थे। सीसी टीव्ही फुटेज के आधार पर बिहार निवासी राहुल सिंह व उसके एक रिश्तेदार जैक सिंह की पहचान पुलिस ने कर ली थी। 25 फरवरी को पुलिस ने सफलता हासिल करते हुये घटना के मुख्य आरोपी राहुल सिंह व विजेन्द्र को गिरफ्तार कर लिया था।
मामले में तीसरे आरोपी गोली चलाने वाले शूटर जैक सिंह उर्फ जैकी सिंह 28 वर्ष जिला रोहतास के पोखराहा थाना नासरीगंज की तलाश की जा रही थी। क्राइम ब्रांच की टीम ने उसे बिहार के बक्सर जिले के अंत्यत बीहड़ इलाके ग्राम वीरगंज से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि जैक सिंह नसरीगंज में कई लूट-डकैती की घटना में शामिल होते हुये लगातार अपने गिरोह के साथ उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड में कई अपराध में सक्रिय था। इस पूरी कार्यवाही में क्राइम ब्रांच प्रभारी भूपेस सिंह, विनय सिंह, प्रधान आरक्षक राम अवध सिंह, आरक्षक राकेश शर्मा, उपेन्द्र सिंह, विकास सिंह, बृजेश राय, मनीष यादव, दशरथ राजवाड़े, भोजराज पासवान व कोतवाली के सउनि मनोज सिंह सक्रिय थे।
मैनेजर से दुश्मनी आई थी सामने
जांच में पुलिस के पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई थी कि राहुल सिंह का पेट्रोल पंप मैनेजर जितेन्द्र पाण्डेय से व्यवसायिक दुश्मनी थी। राहुल सिंह गांधीनगर में किराये के मकान में रहकर बतौली स्थित पेट्रोल पंप के समीप एक ढ़ाबा चलाता था। पेट्रोल, डीजल में हेराफेरी को लेकर पूर्व में दोनों की कहासूनी हुई थी। इसी रंजिश की वजह से हत्या करने की नियत लेकर राहुल ने जैक सिंह व विजेन्द्र सिंह के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया था।