पूरी ममता योजना को ही डकार गया सतना का जिला अस्पताल

सतना: प्रदेश में सरकार ने जन्म से लेकर मृत्यु तक योजना तो बना दी है, लेकिन सतना में योजनाओं की जमीनी हकीकत शून्य के बराबर है, इन्ही तमाम योजनाओ की तरह एक और योजना है जिसका नाम है ममता जिसके तहत सरकार प्रसूति गृहों में पैदा हुये सभी नवजात शिशुओं और प्रसूताओं को एक किट देती है, जिसमे नवजात के दो जोड़ी कपड़े, सेनेटरी पैड, टेबलेट्स और मलहम रहता है, लेकिन सतना जिला अस्पताल प्रवंधन इस पूरी योजना को ही डकार गया है,,  पिछले छः महीने में करीब 45 सौ नवजात शिशुओं ने जन्म लिया, लेकिन भ्रष्टाचार के चलते किसी प्रसूता को यह किट नही दी गई, इस पूरे मामले पर से पर्दा उठाने के बाद अब सक्षम अधिकारी बगले झांक रहे है..

 

महिलाओं के प्रति संवेदनशील मध्यप्रदेश सरकार गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव के लिए ढेर सारी योजनाएं बनाकर लागू की है, सरकार की नेक मंशा को उन्हीं के अफसर पलीता लगा रहे हैं, सरकार प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों और प्रसूति ग्रहों में पैदा होने वाले नवजात शिशुओं और प्रसूताओं को ममता किट देती है, जिसमें कपड़े दवाइयां व अन्य सामान रहता है, ताकि मजबूर लाचार प्रसूताओं को भटकना ना पड़े, सतना जिला अस्पताल में बीते छः महीने में करीब 45 सौ नवजात शिशुओं ने जन्म लिया, लेकिन एक भी प्रसूता और नवजात को ममता किट नही दी गयी, करीब सात आठ सौ कीमत की ममता किट जब हकदारों को नही दी गयी तो आखिर गयी कहाँ, बड़ा सवाल है लेकिन जवाब किसी के पास नही है, जिला अस्पताल से छुट्टी होने पर जब हमने कुछ प्रसूताओं से ममता किट मिलने का सवाल किया तो सभी ने एक सुर कहा कुछ नही मिला. .
सभी योजनाओं मे बंदरबांट 
ममता किट का भ्रष्टाचार तो बानगी है, स्वास्थ्य विभाग की हर योजनाओं का कमोवेश यही हाल है, लेकिन जिनके कंधे पर जिले को स्वास्थ्य रखने की जिम्मेदारी है, जब इस बावत उनसे सवाल किया गया तो बमुश्किल जिला अस्पताल की लापरवाही बताते हुये कार्रवाई की बात कही. प्रदेश की महिलाओं के लिए सरकार की दर्जनों योजनाओं में करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं.लेकिन हकीकत आपके सामने हैं सतना जिला अस्पताल को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए सरकार द्वारा हर साल अवार्ड से नवाजा जाता है कितनी बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं बानगी आपके सामने है ।