- प्रबंधन व्यवस्था नहीं सुधारेगा तो रोज होगी ऐसी घटनाएं
अम्बिकापुर
गुरूवार की देर रात रघुनाथ जिला अस्पताल के महिला मेडिकल वार्ड में उस वक्त स्थिति बिगड़ गई जब गंभीर रूप से एक युवती को लाकर दाखिल किया गया। उसी दौरान पेइंग वार्ड में एक बच्चे के द्वारा उल्टी करने पर ड्यूटी में तैनात दो नर्स पेइंग वार्ड की ओर चली गई थी। यह देख गंभीर युवती के परिजन त्वरित उपचार नहीं होने पर भड़क गये और बवाल शुरू कर दिया। खैर अपने घर के सदस्य की गंभीर स्थिति को देख ऐसे आलम में कोई भी अपना आपा खो सकता है। इसमें उन नर्सो की भी गलती नहीं थी। जिस प्रकार से रात के समय मात्र दो नर्सो के भरोसे 11 वार्डो की जिम्मेदारी रहती है। ऐसे में इस प्रकार की घटना होना कोई बड़ी बात नहीं। पहले भी इस प्रकार की घटना सामने आ चुकी है। जिसका खामियाजा आये दिन नर्सो को ही भुगतना पड़ता है। प्रबंधन की इस अनदेखी के कारण ऐसे हालात निर्मित होते है। फिर भी रात के समय स्टाफ बढ़ाने की ओर प्रबंधन का कोई भी ध्यान नहीं है।
जानकारी के अनुसार बीती रात लगभग 12 बजे नगर के ही एक युवती को सांस लेने में परेशानी व ब्लड प्रेशर कम होने के कारण उसे जिला अस्पताल लाया गया था। चिकित्सक डॉक्टर सिन्हा ने उसे तत्काल महिला मेडिकल में दाखिल करवाया। युवती की बेचौनी बढने से परिजन घबरा गये। नर्स ड्यूटी रूम में जाकर परिजनों ने तत्काल उपचार करने की बात कहीं परंतु उसी दौरान पेइंग वार्ड में एक बच्चे की तबियत ज्यादा खराब होने की बात कहकर नर्स पेइंग वार्ड की ओर जाने लगी। यह देख परिजन अपना आपा खो बैठे। काफी देर तक वार्ड में बवाल मचा रहा। अंत में ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर सिन्हा वार्ड पहुंचे और परिजनों को समझाकर तत्काल युवती का उपचार प्रारंभ करवाया। जिला अस्पताल के लिए रात के समय इस प्रकार की घटना हर रोज की बात हो गई है। मरीजों की संख्या जिस अनुसार बढ़ी है ऐसे में दो नर्स के भरोसे 11 वार्ड को छोडना किसी मायने में उचित नहीं है। प्रबंधन ने तो रात को जीवन दीप समिति के तहत काम करने वालों तक को हटा दिया। रात के समय मात्र दो नर्स व एक स्वीपर 11 वार्ड में दाखिल मरीजों को बॉटल लगाने, उतारने, इंजेक्शन लगाने से लेकर कई काम करती है। ऐसे में दो-तीन गंभीर एक साथ अस्पताल पहुंच गये तो किसे पहले देखे और किसे बाद में, इस प्रकार की स्थिति बन जाती है। अंततरू बवाल होना तो लाजमी है।