जशपुर
देश और प्रदेश मे कई मामले उजागर होने के बाद भी जशपुर के बगीचा में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। मामला राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र माने जाने वाली विशेष संरक्षित जनजाति की एक गर्भपात से कराह रही महिला को छः किलोमीटर पैदल भार में ढोकर अस्पताल लाने का है! मामले के सामने आने के बाद जंहा एक बार फिर मानवता को शर्मसार करने वावे इस मामले के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियो ने मौन व्रत धारण कर लिया है !
जशपुर के बगीचा इलाके के रौनी गांव के निवासी सुधन राम की पत्नी 3 माह की गर्भवती थी। कल यह अपने भाई के यहाँ नगर पंचायत बगीचा के वार्ड क्रमांक 5 स्थित घर आई हुई थी। आज सुबह अचानक महिला बिफनी बाई का गर्भपात हो गया। जिसके बाद महिला के भाई सुफल राम ने अपनी बहन को अस्पताल ले जाने के लिए कई बार 108 संजीवनी एक्सप्रेस और 102 महतारी एक्सप्रेस को कई बार फोन लगाया। लेकिन कोशिश बेकार गई और संपर्क नही हो पाया।जिसके बाद महिला का भाई वार्ड की मितानिन के पास गया जिस पर उसने भी फोन नहीं होने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया।
इस विपत्तिकाल के बाद घबराए भाई और परिजनो ने आनन फानन मे सामान ढोने वाले भार में दर्द से कराह रही महिला को बिठाया और नदी नालों को पार करते हुए छः किलोमीटर पैदल चलकर बगीचा अस्पताल पहुंचे। जहां महिला का इलाज शुरू हो गया है। इस मामले में जब विकासखण्ड के चिकित्सा अधिकारी से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
देश के विभिन्न हिस्सो समेत प्रदेश मे पिछले कुछ महीनो मे ऐसे आधा दर्जन मामले सामने आ चुके है , लेकिन बावजूद उसके ना ही मामवता जाग रही है औप ना ही ऐसे मामलो से इत्तफाक रखने वाले अधिकारी कर्मचारी ! बहरहाल लगता तो ऐसा ही कि जागरूकता और मीडिया की तत्परता की वजह से उजागर होने वाले ऐसे मामलो पर विराम तभी लगेगा जब कोई संबधितो पर कोई ऐसी कार्यवाही हो ,जिससे गलती करने वालो की रूह तक कांप जाए !