जांजगीर चांपा। पूर्ण बहुमत से सत्ता में वापसी के बाद कांग्रेस में मुख्यमंत्री के लिए उठापटक शुरु हो गई है। सोशल मीडिया से लेकर चैक-चैराहों पर लोग चर्चा करने लगे हैं कि आखिर कौन बनेगा मुख्यमंत्री। दावेदारों के समर्थक अपने-अपने नेता के पक्ष में तर्क दे रहे हैं तो विरोधी नेता के अवगुण गिना रहे हैं। इसके साथ साथ मंत्री मंडल और आयोग के सदस्य बनाने के लिए आंकलन शुरु कर दिए हैं। सोशल मीडिया और वाट्सएप यूनिवर्सिटी के विभिन्न ग्रुप में चुनावी समर में तरह-तरह के सुझाव चल रहे है। कहीं चुटकुले हैं तो कहीं गंभीर राजनीतिक टिप्पणियां। अलग-अलग ग्रुप में कई तरह के मैसेज चल रहे हैं। 15 साल से सत्ता से दूर रहे कांग्रेसियों को 2018 के चुनाव ने सत्ता का सुख भोगने का मौका दिया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को लेकर चर्चाएं गर्म हो गई हैं। अभी तक कांग्रेस से चार नाम सामने आए हैं। इनमें से किसी एक नाम पर शुक्रवार को फैसला होने के आसार नजर आ रहे हैं। इन प्रमुख दावेदारों में भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव, ताम्रध्वज साहू और डॉ. चरण इसके अलावा गौ सेवा आयोग, महिला एवं बाल विकास विभाग के चेयरमेन, छग राजभाषा आयोग, विद्युत मंडल विभाग सदस्य, शिक्षा विभाग के सदस्य छग राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक विकास विभाग के सदस्य, छग राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग, अनुसूचित जनजाति आयोग, राज्य उपभोक्ता आयोग, राज्य विधिक आयोग, राजस्व मंडल शिक्षा मंडल सहित अनेक विभाग हैं जिसमें कार्यकर्ताओ को पद दिया जाएगा। रायपुर में डटे विधायक और संगठन के नेता ,मुख्यमंत्री का नाम तय करने के लिए विधायकों की बैठक रखी गई। पीएल पुनिया पर्यवेक्षक मल्किार्जुन खडगे गुरुवार को विधायकों का राय जानने के बाद दिल्ली पहुंच गए हैं। गुरुवार को शाम रात तक महंत, बघेल और टीएस सिंह देेव के समर्थकों का रायपुर में भीड़ रहे। इसके अलावा संगठन के नेता भी दिन भर चारों नेताओं के बंगले का चक्कर काटते नजर आए हैं। विधायक और संगठन के नेता मुख्यमंत्री की घोषणा होने के बाद ही अपने घर वापस लौटेंगे।