- तेन्दूपत्ता संग्राहकों का पारिश्रमिक 1500 से बढ़ाकर प्रति मानक बोरा 1800 रूपए किया जाएगा
- स्वतंत्रता सेनानियों का मानदेय 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार करेंगे:
- मीसा बंदियों के मानदेय में 50 से 66 प्रतिशत वृद्धि की जाएगी
रायपुर/जगदलपुर
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों के नाम अपने संदेश में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की। बस्तर संभाग और जिले के मुख्यालय जगदलपुर में मुख्य अतिथि की आसंदी से गणतंत्र दिवस समारोह को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के चुनौतीपूर्ण कठिन इलाकों में अपनी सेवाएं देकर राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाले चिकित्सा विशेषज्ञों और डॉक्टरों के लिए मुख्यमंत्री मेडिकल फेलोशिप योजना शुरू की जाएगी। जिला और राज्य स्तरीय नीतियों के निर्माण में प्रतिभाशाली और विचारशील युवाओं की सोच का लाभ मिल सके और प्रशासन को कारगर बनाया जा सके इसके लिए मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप (मुख्यमंत्री गुडगवर्नेन्स फेलोशिप) योजना की शुरूआत की जाएगी।
डॉ. सिंह ने कहा- देश की आजादी की लड़ाई में अपना अमूल्य योगदान देने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का मानदेय 15 हजार रूपए से बढ़ाकर 25 हजार रूपए किया जा रहा है और आपातकाल के दौरान प्रजातंत्र की रक्षा करने वाले मीसा बंदियों की मानदेय राशि 50 प्रतिशत से 66 प्रतिशत तक बढ़ायी जाएगी। मुख्यमंत्री ने तेन्दूपत्ता संग्रहण में मौसमी रोजगार प्राप्त करने वाले वनवासी परिवारों के लिए पारिश्रमिक दर 1500 रूपए से बढ़ाकर 1800 रूपए प्रति मानक बोरा करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्रों में आदिवासी भाई-बहनों की आमदनी का मुख्य जरिया तेन्दूपत्ता संग्रहण का पारिश्रमिक रहा है, इमने इसे 350 रूपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाते हुए 1500 रूपए कर दिया है। अब एक और बड़ा कदम उठाते हुए नये सीजन के लिए इसे 1800 रूपए प्रति मानक बोरा किया जाएगा। डॉ. सिंह ने समारोह में ध्वजारोहण और परेड की सलामी लेने के बाद जनता को सम्बोधित करते हुए प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी। डॉ. सिंह ने भारतीय गणतंत्र की 67वीं सालगिरह पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और संविधान निर्माताओं को नमन करते हुए कहा कि उनके ही त्याग और बलिदान की पावन बुनियाद पर भारत निरंतर आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री ने झांकी प्रदर्शन सहित छात्र-छात्राओं के रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भी देखा।
राज्य के 22 लाख किसानों को क्रेडिट कार्ड जारी
उन्होंने जनता के नाम अपने संदेश में कहा- राज्य में धान खरीदी व्यवस्था को लगातार मजबूत बनाने का सिलसिला जारी है। किसानों को उनके बैंक खातों में कैशलेस भुगतान सुनिश्चित करने की दिशा में छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के 22 लाख किसानों को क्रेडिट कार्ड जारी किए जा चुके हैं और इनमें से दस लाख किसानों को बहुत जल्द रूपे कार्ड जारी कर दिए जाएंगे। सहकारी बैंकों में एटीएम मशीनों के साथ वहां के खाते धारकों को रूपे डेबिट कार्ड जारी किए जा चुके हैं।
छत्तीसगढ़ बना उच्च शिक्षा का गढ़
प्रदेशवासियों के नाम गणतंत्र दिवस संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ को उच्च शिक्षा का गढ़ बनाने का सफर लगातार जारी है। राज्य के 14 सरकारी कॉलेजों को स्नातकोत्तर का दर्जा मिलने पर अब प्रदेश के सभी जिलों में कम से कम एक स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रेजुएट) कॉलेज हो गया है। इसके साथ ही 48 सरकारी कॉलेजों में 11 हजार सीटों की वृद्धि की गई है, ताकि युवाओं को उच्च शिक्षा के अवसर मिल सके। कॉलेजों में ऑनलाईन एडमिशन से पारदर्शिता बढ़ी है।
स्वच्छ भारत मिशन: छत्तीसगढ़ को लक्ष्य से एक साल पहले खुले में शौच मुक्त राज्य बनाने का विश्वास
उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को लेकर छत्तीसगढ़ में आई जागरूकता का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे मेरा यह विश्वास मजबूत हुआ है कि हम राष्ट्रीय लक्ष्य से एक साल पहले दो अक्टूबर 2018 को छत्तीसगढ़ को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) राज्य बना लेंगे। अब तक राज्य के दो जिलों, 41 विकासखण्डों, 5300 से अधिक ग्राम पंचायतों, 4900 गांवों और पांच शहरों का ओडीएफ घोषित होना एक बड़ी उपलब्धि है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए इन सभी स्थानों की जनता को और वहां की संस्थाओं को साधुवाद दिया।
जनहितैषी योजनाओं की पहल करने में बना छत्तीसगढ़ देश का आदर्श राज्य
मुख्यमंत्री ने कहा-मुझे यह कहते हुए गर्व की अनुभूति होती है कि छत्तीसगढ़ जनहितकारी योजनाओं की पहल और क्रियान्वयन के मामले में देश का ‘आदर्श राज्य’ बना है। इस तरह हमने जन सशक्तिकरण के माध्यम से भारतीय गणतंत्र को मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मुझे विश्वास है कि जनता के सहयोग से हम छत्तीसगढ़ को समृद्ध और खुशहाल राज्य बनाने की दिशा में नित नई उपलब्धियां हासिल करेंगे। डॉ. रमन सिंह ने कहा-यह देश का सौभाग्य है कि भारत को प्रधानमंत्री के रूप में श्री नरेन्द्र मोदी जैसे दूरदर्शी और दृढ़ प्रतिज्ञ व्यक्ति का नेतृत्व मिला है, जिन्होंने हमारे महान संविधान निर्माताओं के सपने को पूरा करने के लिए अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए और पूरे देशवासियों को इसमें शामिल करते हुए गणतंत्र की मजबूती और राज्यों के सशक्तिकरण के माध्यम से सहकारी संघवाद को सर्वाधिक महत्व दिया। मुख्यमंत्री ने कहा – प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी नेे केन्द्र से राज्यों को मिलने वाला राजस्व 32 से बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दिया तथा राज्यों को अपनी जरूरत के अनुसार राशि खर्च करने का अधिकार भी दिया। बरसों से लंबित खनिज नीति को पूर्णता देकर न सिर्फ इसे जारी किया बल्कि इसमें राज्यों के हितों का पूरा ध्यान रखा।
डॉ. सिंह ने कहा – मुझे खुशी है कि छत्तीसगढ़ ने चूना पत्थर तथा सोना खदानों की नीलामी, देश में सबसे पहले करने में सफलता हासिल की है, जिससे राज्य के आर्थिक संसाधनों में वृद्धि हो रही है। जिला खनिज निधि (डी.एम.एफ.) के माध्यम से खनन प्रभावित जिलों में विकास हेतु समुचित धन राशि का प्रावधान किया गया है और विभिन्न जिलों में 24 सौ करोड़ रू. की कार्ययोजना अनुमोदित की जा चुकी हैं। इस तरह खनन प्रभावित अंचलों में भी सुख और सुविधाओं की नई रोशनी फैली है।
डॉ. रमन सिंह ने कहा-‘एक राष्ट्र, एक कर, एक बाजार’ के लिए जी.एस.टी. कानून लागू करने के निर्णय से भारत आर्थिक सुधारों के अति महत्वपूर्ण चरण में पहुंचा है। जी.एस.टी. परिषद में राज्यों की बड़ी भागीदारी है। छत्तीसगढ़ में हमने व्यवसायियों का नामांकन, प्रशिक्षण आदि शुरू कर दिया है ताकि जी.एस.टी. लागू करने में भी हमारा अग्रणी योगदान दर्ज हो।
छत्तीसगढ़ की डिजिटल आर्मी में 16 लाख प्रशिक्षित लोग शामिल
उन्होंने कहा- राज्य सरकार कैशलेस लेन-देन में आम जनता को पारंगत बनाने के लिए बहुत बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान चला रही है, जिससे हमारी ‘कैशलेस आर्मी’ में 16 लाख प्रशिक्षित लोग शामिल हो गए हैं। मैं चाहूंगा कि आप सब प्रशिक्षित होकर हमारी ‘कैशलेस आर्मी’ में शामिल हों।
कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदेशवासियों ने दिखायी एकजुटता
मुख्यमंत्री ने कहा- प्रधानमंत्री जी ने विमुद्रीकरण का जो ऐतिहासिक, साहसिक और क्रान्तिकारी फैसला लिया, उस राष्ट्रीय अभियान में सहयोग करके छत्तीसगढ़वासियों ने कालाधन, भ्रष्टाचार, जाली नोट, आतंकवाद-नक्सलवाद जैसी समस्याओं के निदान के लिए अपनी एकजुटता दिखाई है, इस जज्बे के लिए मैं आपको सलाम करता हूं। अर्थव्यवस्था में विमुद्रीकरण के साथ कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा देने की भी बड़ी भूमिका है। माननीय प्रधानमंत्री जी ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर के नाम पर ‘भीम एप’ जारी कर कैशलेस लेन-देन की अत्यंत जनहितकारी व्यवस्था की है। मैं चाहूंगा कि अंगूठे के निशान से चलने वाले इस ‘एप’ का उपयोग आप सब लोग करें, क्योंकि यह सबसे सरल और सुविधाजनक है।
पांच जिलों में 31 मार्च तक पीडीएस में शुरू होगी कैशलेस भुगतान की सुविधा
डॉ. रमन सिंह ने कहा- प्रदेश के पांच जिलों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को 31 मार्च तक और अन्य सभी जिलों में चरणबद्ध रूप से ‘कैशलेस’ भुगतान की सुविधा देने का लक्ष्य है। पी.ओ.एस. मशीनों को ‘वैट मुक्त’ कर कारोबारियों को प्रोत्साहित किया गया है। पंचायत स्तर पर लगभग 9 हजार सामान्य सेवा केन्द्रों को इतना सक्षम बनाया जा रहा है कि वे आधार केन्द्रित भुगतान करें और बैंकविहीन अंचलों में भी बैंक की तरह सेवाएं दें।
खेती के लिए ऋण लेने वाले किसानों की संख्या दस लाख तक पहुंची : किसानों की आमदनी दोगुनी करने का रोडमैप तैयार
डॉ. सिंह ने कहा – कृषि को लाभ का जरिया बनाने की दिशा में किए गए उपायों के तहत ‘हार्वेस्टर’ को ‘मोटरयान कर’ से मुक्त कर दिया गया है। शून्य ब्याज दर के कारण कृषि ऋण लेने वाले किसानों की संख्या 10 लाख पहुंच रही है और ऋण वितरण का लक्ष्य बढ़ाकर 34 सौ करोड़ रूपए किया गया है। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए वर्षवार लक्ष्य निर्धारित कर ‘रोडमैप’ बनाया गया है। प्रदेश का चौथा शक्कर कारखाना भी सहकारी क्षेत्र के सहयोग से 10 माह के रिकॉर्ड समय में स्थापित किया गया है। पण्डरिया का यह शक्कर कारखाना, पूर्व उप प्रधानमंत्री, लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम पर समर्पित किया गया है, जो गन्ना किसानों को उनकी फसल का सही दाम दिलाने में मददगार होगा। कबीरधाम, मुंगेली तथा बेमेतरा, तीन जिलों के गन्ना उत्पादक किसानों को इसका लाभ मिलेगा। ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ में अऋणी कृषकों की सहभागिता 181 प्रतिशत बढ़ी है। मिट्टी परीक्षण की क्षमता भी 7 गुनी बढ़ा दी गई है, जिससे ज्यादा से ज्यादा किसान भाई वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल करें। मुझे खुशी है कि छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय कृषि बाजार से भी जुड़ गया है। प्रदेश की चिन्हांकित 14 नियमित कृषि उपज मंडियों में से 5 ने ‘ई-नाम पोर्टल’ से क्रय-विक्रय शुरू कर दिया है।
डॉ. रमन सिंह ने कहा-विभिन्न जिलों के अभी तक असर्वेक्षित 1,032 राजस्व गांवों का सर्वेक्षण, मुख्यमंत्री आबादी पट्टा वितरण, नगरीय क्षेत्रों का सर्वेक्षण, पटवारियों को लेपटॉप प्रदाय और राजस्व अभिलेखों में सुधार के उपायों से ग्रामीण तथा शहरी, सभी क्षेत्रों में जमीन संबंधी समस्याओं का निराकरण तेजी से होगा। हमने राज्य में सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए अपूर्ण योजनाओं को प्राथमिकता से और नवीन योजनाओं को समय पर पूर्ण करने की रणनीति अपनाई है, ताकि किसानों को सिंचाई सुविधाओं का लाभ जल्दी मिल सके। मुझे खुशी है कि इससे पहली बार एक वर्ष में 2 प्रतिशत सिंचाई क्षमता बढ़ेगी। छत्तीसगढ़ नलकूप खनन की पारदर्शिता के लिए ‘मोबाइल एप’ उपयोग करने वाला पहला राज्य भी बन गया है। इससे पेयजल योजनाओं को गति मिलेगी।
मिशन क्लीन सिटी में जनभागीदारी
मुख्यमंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत ‘मिशन क्लीन सिटी’ योजना में हो रहे कार्यों की भी चर्चा की। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि मिशन क्लीन सिटी योजना में स्वच्छता के लिए जनभागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। ‘रायपुर स्मार्ट सिटी कारपोरेशन लिमिटेड’ का गठन करके योजनाबद्ध कार्य किया जा रहा है। राज्य के 9 नगरीय निकायों को ‘मिशन अमृत’ के लिए तैयार किया जा रहा है। इस तरह प्रदेश के शहरों और गांवों में नियोजित विकास और स्वच्छता के लिए आपस में भी एक प्रतियोगिता शुरू हुई है और सकारात्मक वातावरण बना है।
कुपोषण 52 प्रतिशत से घटकर 30 प्रतिशत
मुख्यमंत्री ने कहा- माताओं, बहनों, बेटियों को स्वावलम्बन के लिए समस्त सुविधाएं और अधिकार दिलाना हमारी प्राथमिकता है। वजन तिहार, महतारी जतन, मुख्यमंत्री अमृत, नवा जतन, अमृत नमक, प्रोटीनयुक्त चना तथा दाल वितरण आदि योजनाओं के माध्यम से महिलाओं तथा बच्चों का कुपोषण 52 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत तक लाने में बड़ी सफलता मिली है। अब हमारा लक्ष्य 25 प्रतिशत तक पहुंचना है, ताकि आगामी वर्षों में राज्य को कुपोषण मुक्त कर दिया जाए।
राज्य में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान
शिशु तथा मातृ मृत्यु-दर कम करने के लिए एक नया कदम उठाते हुए ‘प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान’ भी राज्य में शुरू किया गया है, जिसके तहत शासकीय तथा निजी चिकित्सकों के सहयोग से प्रत्येक माह की 9 तारीख को गर्भवती महिलाओं की जांच की जाएगी और सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करने हेतु समुचित प्रयास किए जाएंगे। सरगुजा में नया शासकीय मेडिकल कॉलेज स्थापित कर यहां पढ़ाई चालू हो गई है। इससे राज्य में चारों दिशाओं जगदलपुर, रायगढ़, सरगुजा, राजनांदगांव में शासकीय मेडिकल कॉलेज खोलने का सपना पूरा हुआ है। साथ ही 2 नए अशासकीय मेडिकल कॉलेज शुरू होने से प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 10 हो गई है।
शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पांचवी-आठवीं में होगी बोर्ड परीक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा – राज्य में स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के प्रयासों के तहत 5वीं और 8वीं की बोर्ड परीक्षा लेने का निर्णय लिया गया है। मिडिल स्कूल से व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम शुरू करने का अभियान 391 शालाओं तक पहुंच गया है, जिससे लगभग 29 हजार छात्र व्यावसायिक शिक्षा से जुड़े हैं। प्रतिवर्ष लगभग एक लाख युवाओं को ‘कौशल उन्नयन‘ का प्रशिक्षण देते हुए ‘कुशल भारत’ के निर्माण में भी छत्तीसगढ़ अपना अग्रणी योगदान दे रहा है। हमने एक बड़ा कदम उठाते हुए शासकीय सेवाओं में सीधी भर्ती के सभी पदों पर महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण एवं उच्चतर आयु सीमा में 10 वर्ष के शिथिलीकरण का लाभ छत्तीसगढ़ की स्थानीय महिलाओं को देने का निर्णय लिया है। वहीं शिक्षित बेरोजगार स्थानीय निवासियों को सीधी भर्ती पर निर्धारित 30 वर्ष की आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट को 2 वर्ष के लिए पुनः बढ़ाने का निर्णय लिया है।
चाईल्ड हेल्पलाईन सेवा अब जांजगीर और महासमुन्द जिलों में भी
उन्होंने यह भी बताया कि महिलाओं की सुरक्षा और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए देश में सर्वप्रथम ‘सखी’ वन स्टॉप सेन्टर की स्थापना छत्तीसगढ़ में की गई। अब इसे प्रदेश के अन्य सभी जिलों में स्थापित किया जाएगा। बच्चों की सुरक्षा के लिए ‘चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 सेवा’ 15 जिलों में शुरू की जा चुकी है, अब इसे 2 और जिलों जांजगीर तथा महासमुंद में बढ़ाया जा रहा है।
उज्ज्वला योजना में 35 लाख परिवारों को देंगे रसोई गैस कनेक्शन
डॉ. सिंह ने कहा – ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला’ योजना के अमल में छत्तीसगढ़ अग्रणी राज्य है, जिसके तहत अभी तक लगभग 6 लाख माताओं-बहनों को धुआंरहित रसोई की सौगात मिल चुकी है। हम सभी 35 लाख चिन्हांकित परिवारों को रसोई गैस कनेक्शन, चूल्हा तथा प्रथम भरा सिलेण्डर देने का लक्ष्य भी समय पर पूरा करेंगे।
मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों को दी बधाई
मुझे खुशी है कि राज्य की नवोदित खिलाड़ी कु. रेणुका यादव ने रियो ओलम्पिक में महिला हॉकी टीम में भारत का प्रतिनिधित्व किया और राज्य शासन द्वारा घोषित 10 लाख रूपए का पुरस्कार प्राप्त किया। विगत वर्ष 22 खेलों में हमारे खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय पदक जीतकर प्रदेश का नाम रोशन किया है। युवाओं का उत्साह बढ़ाने के लिए हमने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी, शिक्षक तथा निर्णायकों को दिए जाने वाले खेल पुरस्कारों की संख्या व नगद राशि में वृद्धि की है।
टीम आधारित खेलों के लिए मुख्यमंत्री ट्रॉफी देने का निर्णय
उन्होंने बताया – महिलाओं तथा दिव्यांगजनों के लिए पृथक से भी पुरस्कार निर्धारित किए गए हैं। टीम आधारित खेलों के राष्ट्रीय विजेता दल को ‘मुख्यमंत्री ट्रॉफी’ देने का निर्णय लिया गया है। छत्तीसगढ़ खेल प्राधिकरण का गठन, राज्य की नई ‘युवा नीति’ तथा ‘खेल नीति’ बनाने का कार्य शीघ्र पूरा होगा, जिसका लाभ युवाओं के सर्वांगीण विकास में मिलेगा।
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में अनुसूचित जाति बहुल 100 गांवों का चयन
डॉ. सिंह ने कहा- मुझे यह कहते हुए बहुत खुशी है कि अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के बच्चों के लिए शिष्यवृत्ति, छात्रावास, निःशुल्क शिक्षण, प्रशिक्षण, अध्ययन भ्रमण, क्रीड़ा परिसरों की स्थापना आदि इंतजामों से इन वर्गों के बच्चों का उत्साह बढ़ा है। ‘प्रयास’ संस्था में शिक्षित बच्चे निरन्तर बढ़ती संख्या में राष्ट्रीय संस्थानों में चुने जा रहे हैं। अनुसूचित जाति बहुल जिलों के 100 गांवों का चयन ‘प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना’ के तहत किया गया है, वहीं विशेष पिछड़ी जनजातियों के समेकित विकास के लिए ‘मुख्यमंत्री ग्यारह सूत्रीय कार्यक्रम’ संचालित किया जा रहा है, जिससे इन अंचलों में जीवन-स्तर उन्नयन तथा बेहतर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
वर्ष 2022 तक सबको मकान देने का लक्ष्य
उन्होंने बताया – ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ तथा ‘मुख्यमंत्री आवास योजना’ के तहत हम सन् 2022 तक सबको मकान देने का लक्ष्य पूरा करेंगे। इन योजनाओं पर आकर्षक सब्सिडी प्रदान की जा रही है। एक वर्ष में 2 लाख आवासों की स्वीकृति सराहनीय है। मैं चाहूंगा कि इन योजनाओं का लाभ उठाते हुए प्रत्येक आवासहीन परिवार, भवन-स्वामी बनने का गौरव हासिल करें।
राज्य में दो साल में बनाएंगे दस हजार किलोमीटर सड़क
गुणवत्तापूर्ण अधोसंरचना के विकास से प्रदेश को एक नई पहचान मिली है। हमने इसके लिए नई रणनीतियों और नई सोच का सहारा लिया, जिसके कारण प्रदेश में सभी तरफ अच्छी सड़कों, पुल-पुलियों का जाल बिछा है और आगामी 2 सालों में हम लगभग 10 हजार किलोमीटर सड़कें बनाएंगे। लगभग 13 सौ किलोमीटर नए रेलमार्ग निर्माण की दिशा में निरन्तर प्रगति दर्ज की जा रही है। प्रदेश के सम्पूर्ण विद्युतीकरण का लक्ष्य शीघ्र पूरा होगा। उत्पादन के साथ बिजली के गुणवत्तापूर्ण पारेषण और वितरण पर भी बड़ा निवेश कर रहे हैं, जिससे हम 24 घंटे निर्बाध बिजली प्रदाय की अपनी पहचान को और मजबूती देंगे। जिन खेतों तक बिजली की पहुंच मुश्किल है, वहां ‘सौर सुजला योजना’ के तहत प्रदेश में 51 हजार सोलर पम्प लगाए जा रहे हैं। इसी प्रकार दूरसंचार अधोसंरचना का विकास भी तेजी से किया जा रहा है, जिससे न सिर्फ ‘डिजिटल डिवाइड’ को समाप्त किया जा सके, बल्कि ‘डिजिटल इण्डिया’ बनाने में छत्तीसगढ़ की अग्रणी पहल दर्ज हो। बहुत सी ऑनलाइन सेवाओं का लाभ प्रदेश के कोने-कोने में बसे लोगों को मिलना शुरू हो गया है, ऐसी सुविधाएं लगातार बढ़ाई जा रही हैं। ‘बस्तर नेट’ योजना के माध्यम से बस्तर संभाग के सभी जिलों को 9 सौ किलोमीटर ‘ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क’ से जोड़ा जा रहा है।
हमर छत्तीसगढ़ योजना में 40 हजार से ज्यादा जनप्रतिनिधियों ने किया नया रायपुर का दौरा
मुख्यमंत्री ने कहा-हमने विकास के क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने के लिए अनेक प्रयास किए हैं। साथ ही विकास की उत्कृष्ट रणनीतियों, सफलताओं और संस्थाओं से प्रदेश के दूर-दूर गांवों में बसे जनप्रतिनिधियों को अवगत कराने हेतु पारदर्शी प्रयास भी कर रहे हैं, जिसमें ‘हमर छत्तीसगढ़’ योजना की भूमिका महत्वपूर्ण है। डॉ. सिंह ने कहा -2 वर्षों में 2 लाख जनप्रतिनिधियों के नया रायपुर में रहने-ठहरने की व्यवस्था की गई है, जो लगभग 600-600 के समूह में आ रहे हैं। अभी तक 40 हजार से अधिक जनप्रतिनिधियों का भ्रमण-अध्ययन-अवलोकन पूरा हो चुका है। नया रायपुर, देश के सबसे नियोजित राजधानी शहर के साथ, अपनी विश्वस्तरीय अत्याधुनिक अधोसंरचना के कारण रोजगार के अवसरों और विकास का प्रतिमान भी बन रहा है।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए हेल्पलाईन शुरू
मुख्यमंत्री ने जनता से कहा- महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस द्वारा हेल्पलाइन – 1091 तथा 1036 शुरू की गई है। पुलिस, एम्बुलेंस तथा फायर बिग्रेड की मदद तत्काल मुहैया कराने के लिए ‘डायल-112’ योजना शीघ्र शुरू की जाएगी। छत्तीसगढ़ में सुरक्षा की चुनौतियां बहुआयामी हैं। राज्य पुलिस बल तथा अन्य सुरक्षा बलों ने राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने में सराहनीय योगदान दिया है। अग्निशमन तथा आपदा प्रबंधन को पूरी दक्षता और व्यावसायिक ढंग से करने के एकीकृत प्रयास के तहत ‘होमगार्डस्’ के अन्तर्गत ‘एस.डी.आर.एफ.’ का गठन किया जा चुका है, जिसका राज्य-स्तरीय प्रशिक्षण केन्द्र बिलासपुर में शुरू किया गया है।
माओवादियों के हौसले हुए पस्त
हमारी पुलिस अन्य राज्यों से अलग तरह की चुनौती, नक्सलवाद का मुकाबला भी कर रही है। विकास, सुरक्षा और विश्वास की त्रिवेणी और पुनरीक्षित पुनर्वास नीति से माओवादियों के हौसले पस्त हुए हैं और बड़ी संख्या में आत्मसमर्पण के प्रति उनका रूझान बढ़ा है।
निवेशकों का पसंदीदा राज्य छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री ने कहा-कानून-व्यवस्था, शांति, समरसता, सहयोगी प्रशासन तथा उदार नीतियां ऐसे तत्व हैं जो छत्तीसगढ़ को निवेशकों का पसंदीदा राज्य बनाते हैं। मुझे खुशी है कि हमने प्रत्येक विभाग में ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ के तहत अनेक सुधार किए, जिसके कारण छत्तीसगढ़ एक बार फिर कारोबार सुगमता के मामले में भी देश के अग्रणी 4 राज्यों में है। राज्य में विभिन्न प्रतिष्ठित समूहों का निवेश निरन्तर बढ़ रहा है। ‘मेक इन इण्डिया’ को सफल बनाने के लिए हमने छत्तीसगढ़ में नवाचार और उद्यमिता नीति (इनोवेशन एण्ड इंटरप्रेन्योरशिप पॉलिसी) लागू की है। उन्होंने यह भी बताया कि ‘स्टार्टअप छत्तीसगढ़’ के तहत अनेक आकर्षक प्रावधान किए हैं, जिससे युवाओं को प्रेरणा के साथ सुविधा भी मिले और वे नौकरी मांगने वाले (जॉब सीकर)के बजाय नौकरी का सृजन करने वाले (जॉब क्रिएटर) बनने का नजरिया अपनाएं।