सीबीआई की विशेष अदालत ने सोमवार को डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम को 15 साल पुराने रेप केस में 10 साल की सजा सुनाई है. राम रहीम के 376, 511 और 506 धारा के तहत उन्हें सजा दी गई है. राम रहीम को 25 अगस्त को ही दोषी ठहरा दिया था, लेकिन उन्हें सजा सोमवार को सुनाई गई. सुरक्षा को देखते हुए रोहतक जेल में ही कोर्ट बनाया गया. दोनों पक्षों के वकील ने जज के सामने अपना-अपना पक्ष रखा. इस दौरान बाबा रहीम चुपचाप खड़ा रहा और वकीलों की दलील सुनता रहा. सुनवाई के दौरान राम रहीम के आंसू निकल आए और वो खूब रोया. रोते हुए राम रहीम ने जज से माफी भी मांगी. राम रहीम बोला कि मुझ पर रहम दीजिए जज साहब.
कोर्ट की सुनवाई का अपडेट..
-आखिर में कोर्ट ने राम रहीम को 10 साल की सजा सुनाई.
– बहस की प्रक्रिया के दौरान राम रहीम शांत होकर खड़े हुए थे. दोनों वकीलों की बात सुनते रहे. सजा के ऐलान के बाद उनको जेल के कपड़े पहना दिए जाएंगे.
– बचाव पक्ष ने कहा कि राम रहीम समाज सेवी हैं. उन्होंन जन कल्याण के बहुत कार्य किए हैं. इसका संज्ञान लेते हुए नरमी बरती जानी चाहिए. वकील ने बाबा की सेहत का भी हवाला दिया कि इनकी तबीयत ठीक नहीं रहती है, इनके साथ नरमी बरती जाए.
-बचाव पक्ष के वकील का तर्क था कि कई अनाथ बच्चों को संभालते हैं. सेना के लिए रक्तदान कर चुके हैं. अगर जेल चले गए तो अनाथ बच्चों का लालन-पालन मुश्किल में पड़ जाएगा. इस दौरान बाबा लगातार रोते रहे, और कहते रहे कि जज साहब मुझे माफ कर दो.
-सीबीआई का वकील इस पर अड़ा रहा कि बाबा को उम्रकैद की सजा होनी चाहिए, क्योंकि जिस समय शिकायतकर्ता साध्वियों के साथ रेप हुआ, उस समय वो नाबालिग थीं.
– अभियोजन पक्ष ने बलात्कार के दोषी राम रहीम के लिए अधिकतम सजा की मांग की.
– सुनवाई शुरू होते ही स्पेशल सीबीआई जज जगदीप सिंह ने दोनों पक्षों को 10-10 मिनट बहस के लिए समय दिया. दोनों वकीलों की दलीलें सुनने के बाद दोनों कहा कि आप बाहर बैठें.
इसके बाद जज ने 15 मिनट में सजा का फैसला लिखा, फिर सजा का एलान किया.