- जेन्डर संवेदीकरण एवं मानव तस्करी के विरूद्ध जन जागरण अभियान पर हुई कार्यााला
अम्बिकापुर
विज़न समाज सेवी संस्था और पुलिस विभाग के द्वारा लैंगिक समानता और मानव तस्करी के विरुद्ध जनजागरण अभियान विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन सोमवार को जिला पंचायत सभा गृह में किया गया।
विज़न समाज सेवी संस्था की सचिव शिल्पा पाण्डेय ने बताया की जेंडर संवेदीकरण की जरुरत इसीलिए है क्योंकि प्रुकृति ने तो स्त्री और पुरुष में भेद नहीं किया और दोनों को सामान अधिकार और महत्व प्रदान किया है लेकिन कमजोर और बलवान का कांसेप्ट समाज का है। जहाँ तक मानव तस्करी का प्रश्न है इस दिशा में बड़े जान जागरूकता अभियान की जरुरत है। यह जागरूकता ग्राम स्तर पर, जनप्रतिनिधि स्तर पर, अभिवावक स्तर पर, स्कूल में किशोरी बालक बालिकाओ के लिए जरुरी है।।।। तभी समाज के सहयोग से इसे रोका जा सकता है। विज़न समाज सेवी संस्था लगातार कई वर्षों से पुलिस विभाग के साथ मानव तस्करी के विरुद्ध जनजागरूकता कार्यक्रम चला रही है आगे भी यह जरी रहेगा !
इस अवसर पर मुख्य अतिथि आर सी पटेल ने कहा कि पुलिसिंग आदिकाल से चली आ रही है। यह समाज में व्यवस्था बनाने के लिए बेहद जरूरी है। अगर पुलिसिंग खत्म हो गई तो समाज की सारी व्यवस्था छिन-भिन हो जायेंगी। संविधान में हर मनुष्य को समान्ता का अधिकार है। जब किसी मनुष्य मौलिक अधिकार व समान्ता कर हनन होता है तो अपराध की स्थिति निर्मित होती है। किसी भी व्यक्ति, समूह, संस्था के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा करना पुलिस का पहला कर्तव्य है। समाज में विभिन्न वर्गो के बिज शान्ति व्यवस्था बनाये रखने के बाद भी कोई अपराध घटित होता है तो पुलिस का कर्तव्य है कि वह निष्पक्षता व इमानदारी के साथ जांच विवेचना करे और प्रकरण को न्यायालय तक पहुंचाये। श्री पटेल ने उपस्थित पुलिस अधिकारियों से स्पष्ट शब्दों में कहा कि दण्ड संहिता प्रक्रिया के तहत अगर आप कोई कार्यवाही करते है। तो आप पर कोई दबाव नहीं डाल सकता। पुलिस के लिए वर्तमान में कई सामाजिक दायित्व का विस्तार किया गया है। घरेलू हिंसा, भू्रण हत्या सहित जेन्डर समान्ता के मामलों में पुलिस को आगे आना पड़ता है। जेन्डर के भेदभाव को समाप्त करने जागरूकता की जरूरत है। जेन्डर संवेदीकरण एवं मानव तस्करी समाज के लिए गंभीर विषय है। इस पर सभी को एकजूट होकर जागरूकता व प्रयास करने की जरूरत है। कार्यक्रम में सरगुजा रेंज आईजी हिमांशु गुप्ता ने कहा कि जेन्डर संवेदीकरण एवं मानव तस्करी आज की ज्वंलत समस्या है। इसे दूर करने पुलिस को ही नहीं समाज को भी आगे आना होगा। इन विषयों पर खुलकर चर्चा करने से ही समस्या का निदान हो सकता है। उन्होने साफ शब्दो में कहा कि पुलिस कानून से जेन्डर संवेदीकरण को खत्म कर दे यह संभव नहीं है। इसके लिए समाज को आगे आने की जरूरत है। उन्होने कहा कि जापुर क्षेत्र की जब भी बात होती है तो मानव तस्करी की समस्या सबसे पहले आती है। हालांकि पुलिस ने मानव तस्करी को लेकर जापुर व सरगुजा में काफी काम किया है। परंतु अभी भी इस क्षेत्र में काफी कुछ करना बाकि है। इन दोनों गंभीर समस्या को समूल से नष्ट करने के लिए कानून व समाज को मिलकर काम करना होगा। कार्यााला में भाजपा के वरिष्ठ नेता अनिल सिंह मेजर, सरगुजा एसपी आरएस नायक, विजन संस्था की शिल्पा पाण्डेय सहित संभाग के पुलिस अधिकारी व विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाली भारी संख्या में सामाजिक महिलाएं मौजूद थी।
मानव तस्करी विंग में सभी के सहयोग से होगा काम
सरगुजा एसपी आरएस नायक ने कहा कि मानव तस्करी रोकने विंग का गठन किया गया था। परंतु प्रर्याप्त सफलता नहीं मिल सकी है। हालांकि हाल ही में उदयपुर पुलिस सक्रियता से मानव तस्करी के एक बड़े मामले का खुलासा किया गया था। अब मानव तस्करी विंग में स्वयं सहायता समूह, महिला बाल विकास सहित अन्य लोगों को लेकर अभियान चलाया जायेंगा।
पुलिस के काम में न हो राजनीतिक दखल
हस्त शिल्प बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष अनिल सिंह मेजर ने कार्यशाला में पुलिस की भूमिका, बदलाव व आवश्यकता के विषय पर कहा कि समाज की बुराईयों को खत्म करने पुलिस की बड़ी जिम्मेदारी होती है। 15-20 वर्ष पूर्व पुलिस के पास कोई ज्यादा सुविधायें नहीं थी, परंतु वर्तमान में पुलिस हाईटेक हो चुकी है। आने वाले समय में मानव तस्करी जैसी समस्या को रोकने पुलिस को और ज्यादा आधुनिक होने की जरूरत है। ऐसी परिस्थिति में पुलिस के काम में राजनीति का दखल नहीं होना चाहिय