जांजगीर चांपा। मौसम विभाग ने बेमौसम बारिश की चेतावनी जारी कर दी है। इधर, खरीदी केंद्रों में धान का अंबार लगा हुआ है। करीब 16 लाख क्विंटल धान खुले आसमान के नीचे पड़ा है। डीओ कटने के महीने दिन बाद तक धान नहीं उठ रहा। अब इस धान को बचाने सोयायटी प्रभारियों के सामने चुनौती बन गई है। केंद्रों में धान का अंबार है और कैप कवर गिनती के। बारिश होती है तो अरबों का धान भीगेगा। उनके सामने भी समस्या खड़ी हो चुकी है कि इतने धान को ढंकने कैप कवर कहां से लाए। जिले में धान खरीदी अंतिम दौर पर पहुंच गई है। केंद्रों में भी बफर लिमिट में धान आ रहा है मगर मार्कफेड के अधिकारी उठाव नहीं करा पा रहा। जानकारी के मुताबिक 72 लाख क्विंटल धान खरीदा जा चुका है। जबकि टीओ 56 लाख 33 हजार क्विंटल का कट चुका है मगर 16 लाख क्विंटल के करीब धान उठना बाकी रह गया है। कस्टम मिलिंग के लिए मिलर्स लगभग धान अब उठा चुके हैं। बारिश में धान भीगने की स्थिति बनी तो मार्कफेड के अधिकारियों की गलती संचालकों को उठानी पड़ेगी। इतनी मात्रा में धान को ढंकने कैप कवर ही नहीं है। खैजा सोसायटी में 27 हजार क्विंटल धान जाम है। यहां बफर लिमिट 7 हजार क्विंटल है जबकि धान 27 हजार क्विंटल के करीब था। गुरूवार को यहां 4 गाड़ी ही लगी जबकि डीओ 1 जनवरी को जारी हो चुका है। इसी तरह करूमहू में 22 हजार क्विंटल धान पड़ा हुआ है। डीओ तो दिसंबर लास्ट में कटा है तो सोंठी सोसायटी में 22 हजार क्विंटल धान पड़ा है। जिले में कई केंद्रों में बफर लिमिट क्रास हो चुका है और धान रखने जगह नहीं बची है।