
जांजगीर चांपा। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान के तहत छत्तीसगढ़ में कांग्रेस जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की कवायत शुरू हों गई है. प्रदेश में कांग्रेसी नेता जिलाध्यक्ष के लिए दावेदारी करने में लग गए है। जिन जिलों में जिलाध्यक्ष के पद रिक्त है वहां कार्यकर्ताओं से राय सुमारी कर नए जिलाध्यक्ष की नियुक्ति की जा रही है। जांजगीर चांपा जिले में भी दर्जनों दावेदारों के नाम सामने आ रहे है. जो आज पार्टी पर्यवेक्षक के पास आवेदन देकर दावेदारी पेश करेंगे। जिले में पूर्व जिलाध्यक्षों के अलावा नए कार्यकर्ताओं ने भी दावेदारी पेश कर रहे हैं. जांजगीर चांपा जिले से प्रमुख रूप से जिलाध्यक्ष के लिए दावेदारी करने वालो में कार्यकारी अध्यक्ष रमेश पैगवार,पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश शर्मा,गिरधारी यादव प्रदेश सचिव,हरनारायण साहू, विवेक सिसोदिया,आभाष बोस,पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष राजेश अग्रवाल,पूर्व विधायक मोती लाल देवांगन, पूर्व जिलाध्यक्ष मंजू सिंह,पूर्व नपा अध्यक्ष भगवान दास गढ़वाल, ऋषिकेश उपाध्याय के नाम भी सामने आ रहे है। आज 2 बजे नैला अग्रसेन भवन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के “संगठन सृजन अभियान” के तहत अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक विवेक बंसल, छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक गण सत्यनारायण शर्मा , जनक ध्रुव , श्रीमती इंग्रीड मैक्लाउड पूर्व राज्य सभा सांसद संगठन सृजन अभियान के व्यापक कार्यक्रम पर पत्रकार वार्ता करेंगे. तत्पश्चात दावेदारों से आवेदन लेंगे।
पार्टी ने संगठनात्मक सुधार की दिशा में कदम उठाते हुए जिला अध्यक्ष चयन की पारंपरिक प्रणाली में बड़ा बदलाव किया है। अब जिला अध्यक्षों की कार्यकर्ताओं की राय के आधार पर की जाएगी। जांजगीर-चांपा जिले में नई प्रणाली का पहला प्रयोग शुरू हो चुका है। पार्टी कार्यकर्ताओं की भागीदारी से अध्यक्ष पद के लिए छह संभावित नाम तय किए जाएंगे और फिर उन्हें आलाकमान के पास भेजा जाएगा। जाति समीकरण के आधार पर भी जिलाध्यक्षों का चयन किया जाएगा। पूर्व में किसी बड़े पद या पूर्व जिलाध्यक्ष का कमान संभाल चुके लोगों को मौका मिलना कम लग रहा है, वही वर्षों से पार्टी के प्रति निष्ठा रखने वाले कार्यकर्ताओं को मौका मिल सकता है। जाति समीकरण की बात करें तो जिले में ओबीसी वर्ग की संख्या अच्छा खासा है इसलिए ओबीसी वर्ग से भी किसी की नियुक्ति के कयास लगाये जा सकते हैं।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से नियुक्त को लेकर जिला अध्यक्ष चयन में जिन बातों को प्राथमिकता दी जाएगी, वह है पार्टी की विचारधारा में विश्वास रखने वाला, संघर्षशील, समावेशी नेतृत्व क्षमता रखने वाला और स्वच्छ छवि वाला व्यक्ति । युवा और अनुभवी दोनों वगों से नाम लिए जा सकते हैं। बशर्ते उनमें नेतृत्व की क्षमता हो। पर्यवेक्षक तीन दिन की गहन चर्चा और संवाद के बाद छह नामों की सूची बनाएंगे। पर्यवेक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि हर ब्लॉक से प्रतिनिधित्व हो और किसी वर्ग को नजरअंदाज न किया जाए।