आपकों बता दें कि केएसके महानदी पावर कंपनी स्थापना के समय से ही विवादों में रहा है। कंपनी प्रबंधन पर शुरू से भू-विस्थापित जमीन लेकर नौकरी नहीं देने का आरोप लगा रहे हैं। यही वजह है कि भू-विस्थापितों का आंदोलन सालों से चल रहा है। इस बीच कई बार प्रशासन, प्रबंधन और भू-विस्थापितों की कई बार त्रि-पक्षीय वार्ता भी हुई, जिसमें भू-विस्थापितों को नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र देने का निर्देश कंपनी प्रबंधन को दिया गया।
खास बात यह है कि वार्ता में नियुक्ति पत्र देने के लिए राजी होने के बाद कंपनी प्रबंधन बाद में वादाखिलाफी कर दे रहा है। यह सिलसिला लंबे समय से चल रहा है। हाल ही में फिर त्रि-पक्षीय वार्ता हुई थी, जिसमें कंपनी प्रबंधन ने भू-विस्थापितों को नियुक्ति पत्र देने का भरोसा दिलाया था, लेकिन अब कंपनी प्रबंधन भू-विस्थापितों को ठेका श्रमिक बनाना चाह रहा है। भू-विस्थापित सोमवार से इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने प्लांट में काम बंद कराकर सोमवार से आंदोलन शुरू कर दिया है।