जांजगीर-चांपा। जिला मुख्यालय जांजगीर सहित आसपास के क्षेत्रों की बेशकीमती जमीनों पर भू-माफियाओं की टेड़ी नजर है। वे नियम कायदों को ताक पर रखकर जमीनों की खरीद फरोख्त का कारोबार धड़ल्ले से कर रहे हैं। आमजन भी खुद के आशियाने की उम्मीद में नियमों की अनदेखी कर उनसे जमीन खरीद रहे हैं। इससे शासन को हर वर्ष लाखों के राजस्व की क्षति हो रही है। इसके बाद भी राजस्व अमला चुप्पी साधे बैठा है। यही वजह है कि चंद महीनों के कारोबार से भू माफिया करोड़पति बन रहे हैं। शहर में कई ऐसे लोग हैं. जिनके पास कुछ समय पहले तक खुद का दोपहिया वाहन तक नहीं था. लेकिन जमीन के कारोबार में आने के बाद उनके पास करोड़ों की संपति आ गई है। शहर की आबादी दिनों दिन बढ़ रही है। ऐसे में लोग खुद के आशियाने के लिए जमीन की खाक छान रहे हैं तो वहीं जमीन दलाल इसका बेजा फायदा उठा रहे हैं।
बता दें कि शहर के भू-माफियाओं ने शहर की बजाय अब गांवों का रूख कर अवैध कालोनी बसाने का काम शुरू कर दिया है। किसानों की कृषि भूमि को औने.पौने दामों में लेकर भू-माफिया उनसे एग्रीमेंट करा ले रहे हैं। एग्रीमेंट में कुल जमीन की राशि का दस प्रतिशत किसान को दे दी जा रही है। इसके बाद कृषि भूमि पर मुरूम और डस्ट डालकर टुकड़ों में जमीन को बेचा जा रहा है। इससे भू-माफिया जहां मोटी कमाई कर रहे हैंए वहीं सरकार को लाखों का चूना लग रहा है। शहर से लगे ग्राम पेन्ड्री, मुनुन्द रोड खोखराए, पुटपुरा, बनारी जोगीभांठा, सरखों रोड, सिवनी रोड के आसपास कई एकड़ उपजाऊ कृषि भूमि पर अवैध प्लाटिंग का कारोबार हो रहा है। भू.माफिया गैरकानूनी तरीके से इस काम को अंजाम देने में लगे हैं। इस पर प्रशासनिक अमले ने पूरी तरह आंखें मूंद रखी है. जैसे उनकी नजरों में यहां अवैध निर्माण कार्य किए ही ना जा रहे हों। लोगों में चर्चा है कि भू-माफियाओं को राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण मिल रहा है। यही वजह है कि शहर सहित आसपास अवैध कालोनी बसाने का काम प्रगति पर है। शहर के आसपास के गांवों में रहने वाले लोगों का मानना है कि गांवों में भू-माफियाओं का जोर है। वे गांव में अवैध रूप से कालोनी बसा रहे हैं। जो लोग प्लाट खरीद रहे हैं, उनमें अधिकत्तर बाहरी हैं. जिनके पिछले रिकार्ड के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उनमें ज्यादातर लोग आसपास की कंपनियों में काम करने वाले हैं। इसका असर गांवों के रहन.सहन पर पड़ेगा। साथ ही यहां अपराध बढ़ने के आसार हैं।
सूत्रों के अनुसार भू-माफियाओ के राजस्व अधिकारियों से मधुर संबंध और गुलाबी नोटों के चलते कृषि योग्य भूमि पर प्लाटिंग करने के बाद भी उन पर कोई आंच नहीं आती है। प्रोपर्टी डीलिंग के धंधे में लगे लोगों के लिए शासन प्रशासन द्वारा लाइसेंस अनिवार्य करने के बावजूद आज भी यहां सैंकड़ों लोग कायदे.कानूनों को ठेंगा दिखाते हुए. बिना लाइसेंस के ना केवल जमीन के खरीद.फरोख्त के धंधें में हाथ डालकर लाखों के वारे.न्यारे कर रहे है बल्कि, यहां जहां तहां मौका हाथ लगते ही कृषि योग्य भूमि पर प्लाटिंग कर सरकार द्वारा लागू नियमों का सरेआम उल्लंघन कर रहे है।