जांजगीर चांपा। शिक्षाकर्मियों के संविलियन के बाद अब चुनावी साल में कर्मचारी संगठन पुरानी लंबित मांगों को पूरा कराने सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे है। दूसरी ओर 108-102 के कर्मचारी भी हड़ताल कर रहे हैं। इधर अनियमित कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से सरकारी दफ्तरों में काम रूक गया है। जिला अस्पताल में क्षय नियंत्रण कक्ष और सीजी नॉट मशीन में ताला बंद रहा तो कुपोषित बच्चों को 15 दिन तक रखकर इलाज किए जाने वाले पोषण पुनर्वास केंद्र में बंद हो गया। नियमितिकरण सहित 4 मांगों को लेकर 48 विभागों के 55 हजार संविदा और अनियमित कर्मचारी सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। हड़ताल से परेशानी बढ़ी है। वही कचहरी चौक पर धरना देकर रैली के साथ एसडीएम अजय उरॉव को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौपा। ज्ञापन सौपने मे सैकड़ों अनियमति कर्मचारियों ने एकजुट होकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
ये हैं कर्मचारियों की चार सूत्रीय मांगें ….
….हर वर्ष प्रशासकीय स्वीकृति और बजट के नाम पर सेवावृद्धि एवं सेवा से अलग किए जाने का भय समाप्त कर 62 वर्ष की आयु तक वृत्ति सुरक्षा प्रदान की जाए।
….विगत 2-3 वर्षों से जिन योजनाओं में आबंटन शासन से विभागों में लिया जा रहा है किंतु कर्मचारियों को सेवा से पृथक किया हो या छंटनी की गई हो उन्हें सेवा में बहाल किया जाए।
….समस्त अनियमित कर्मचारी व शासकीय, अर्धशासकीय कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
….शा. सेवाओं में आउटसोर्सिंग, ठेका प्रथा को समाप्त कर वर्तमान कर्मियों को शा.सेवा का दर्जा दिया जाए तथा समान कार्य समान वेतन लागू किया जाए।