बलरामपुर समान काम और समान वेतन तथा नियमितीकरण समेत चार सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश के संविदा अधिकारी-कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है..इसी के तहत 3 जुलाई को छत्तीसगढ़ संविदा अधिकारी-कर्मचारियों ने विधानसभा घेराव करने की रणनीति बनाई थी..लेकिन पुलिस ने सप्रे शाला के पास ही प्रदर्शनकारी संविदा कर्मचारियों को रोक दिया..जिसके बाद राज्य शासन की ओर से रायपुर कलेक्टर के आस्वाशन के बाद हड़ताली संविदा कर्मी वापस हो गए…
हड़ताल पर कल थे कर्मचारी..पर आज भी हड़ताल जैसा माहौल…
दरसल प्रदेश में इन दिनों सरकार के तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं जैसे महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना,प्रधानमंत्री आवास योजना,स्वच्छ भारत मिशन,राष्ट्रीय आजीविका मिशन समेत तमाम महत्वपूर्ण योजनाओ के क्रियान्वयन का जिम्मा संविदा अधिकारी -कर्मचारियों पर है..तथा संविदा कर्मियों के हड़ताल पर होने से इन महत्वपूर्ण योजनाओ का क्रियान्वयन पूरी तरह से चरमरा गया है..
बता दे की कल हुए विधानसभा घेराव के कार्यक्रम में सरगुजा सम्भाग के बलरामपुर जिले से लगभग 1000 से 1500 संविदा कर्मी शामिल हुए थे..जिससे मनरेगा,प्रधानमंत्री आवास,एनआरएलएम दफ्तरों में कल से लेकर आज तक ताला लटका हुआ है..तथा बहुमुखी महत्वपूर्ण योजनाओ के हितग्राही इन सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे है..जहाँ इनकी समस्या सुनने वाला कोई भी मौजूद नही है…
प्रदेश में इन दिनों हड़तालों का क्रम चरम सीमा पर है..इसी के तहत 4 सूत्रीय मांगों को लेकर संविदाकर्मियों ने भी मोर्चा खोल दिया है..संविदाकर्मियों की मांगों को जायज मानते हुए कांग्रेस ने भी संविदाकर्मियों को अपना समर्थन दे दिया है..तो वही बीती रात सप्रे शाला मैदान के पास सरकार के प्रतिनिधि बनकर पहुँचे रायपुर कलेक्टर ओपी चौधरी के तीन तीनो के भीतर उक्त मांगो पर चर्चा के आस्वाशन के बाद संविदाकर्मियों ने अपना प्रदर्शन स्थगित कर दिया है..
बहरहाल संविदा कर्मी भले ही हड़ताल से वापस हो गए है ..लेकिन सरकार उनकी मांगों पर क्या निष्कर्ष निकालती है..यह देखने वाली बात है..