आंनद मराठे
जांजगीर चांपा । जांजगीर चांपा लोकसभा चुनाव में सभी पार्टी के उम्मीदवार जोर शोर से चुनाव प्रचार में लगे हुए है। जांजगीर चांपा लोकसभा रिजर्व सीट होने के कारण यहां एससी वोटर के अलावा ओबीसी व सवर्ण वोटरो संख्या भी 40 से 45 प्रतिशत है जो हमेशा जीत हार यही तय करती है। इस बार भी पिछले लोकसभा चुनाव के तरह जांजगीर चांपा लोकसभा में एससी वोटर के अलावा ओबीसी वोटर व सवर्ण वोटरों का रूझान बीजेपी के तरफ हो सकता है। पिछले लोकसभा चुनाव मे सांसद कमला देवी पाटले ने सभी 8 विधानसभा में अन्य पार्टी के अपेक्षा सभी सीटो से लीड की थी। कांग्रेस से प्रेमचंद जायसी को लगभग 1 लाख 75 हजार से ज्यादा वोट से मात दी थी। इस बार अगर मोदी लहर लोकसभा में चली तो निश्चित ही ओबीसी व सवर्ण वोटरो को वोट बीजेपी को जा सकता है। एससी वोटर रिजर्व सीट होने के कारण तीनो प्रत्याशीयो मे बट जायेगा . इस बार भी मोदी लहर के कारण इस लोकसभा से बीजेपी अपना सीट बचाने मे कामयाब हो सकती है। बसपा से दाउराम रत्नाकर जिले मे वरिष्ठ नेता हैं कोई पहचान की जरूरत वोटरो को नही हो सकता जिसका लाभ बसपा प्रत्याशी को मिलेगा. उनके परंपारागत वोट मिलना तय है। वही कांग्रेस को अपने वोटरो को साधने मे बहुत मेहनत करना पड़ सकता हैं. चूकिं अब प्रदेश मे कांग्रेस की सरकार है तो यह काम भी कांग्रेस के लिए थोडा आसान हो सकता हैं। लेकिन मोदी लहर अगर काम कर गया तो कांग्रेस के लिए थोडा मुश्किल होगा। बीजेपी के लिए नुकसान अपने पिछले कार्यकाल के सांसद के क्रियाकलाप से हो सकता पर मोदी लहर व टीम वर्क का फायदा बीजेपी को जरूर मिलेगा। जिले में कांग्रेस का बिखराव है पार्टी नेतृत्व कमजोर होने का फायदा बीजेपी को जरूर मिलेगा। कांग्रेस के संगठन कमजोर होने के साथ एकजुटता नही है। जबकि बीजेपी मे अनुशासन व एकजुटता अभी भी बनी हुई है. हो सकता इसका लाभ चुनाव मे हो। सभी पार्टी के उम्मदीवारो ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया हैं। लेकिन प्रचार प्रसार की बात करें तो बीजेपी का बुथ लेवल प्रबंधन मजबूत दिख रहा है। कांग्रेस से बीजेपी प्रचार में आगे चल रहा हैं।