राजनांदगांव
- मुख्यमंत्री ने गहरा दुख व्यक्त किया
- खुशबु के परिवार को एक लाख की आर्थिक सहायता
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज राजनांदगांव जिले के मोखला में एक नलकूप के गहरे गड्ढे में गिर जाने से पांच वर्ष की नन्हीं बालिका कुमारी खुश्बू के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत बालिका के शोक संतप्त परिवार को एक लाख रूपए की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने आज रात रायपुर से टेलीफोन पर खुश्बू के शोक संतप्त पिता से सम्पर्क कर उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना और सहानुभूति प्रकट की है। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि खुश्बू को जिला प्रशासन, बचाव दल और डॉक्टरों के अथक प्रयासों के बावजूद नहीं बचाया जा सका, यह हम सबके लिए अत्यंत दुखद और पीड़ादायक घटना है। मुख्यमंत्री ने नलकूप के गड्ढे में खुश्बू के गिरने की जानकारी मिलते ही तत्काल राजनांदगांव कलेक्टर श्री अशोक अग्रवाल कोे बचाव कार्य के लिए टेलीफोन पर आवश्यक निर्देश दिए थे। डॉ. रमन सिंह ने इस गंभीर हादसे को देखते हुए राज्य के सभी जिला कलेक्टरों से कहा है कि वे अपने-अपने जिलों में नलकूप खनन करने वालों को यह स्पष्ट निर्देश जारी करें कि खनन के बाद बोरवेल के गड्ढों को किसी भी हालत में खुला न छोड़ा जाए। अन्यथा इस प्रकार की लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
क्या हुआ खुशबु के साथ
बीते शनिवार के शाम के तकरीब 3.30 बजे के बीच राजनांदगांव जिले के मोखला गांव की खुशबू 40 फुट गहरे बोरवेल में गिर गई । घटना की खबर मिलते ही गांव वाले तुरंत बोरवेल की ओर दौड़े। मौके पर गांव के लोगों ने बोरवेल में फंसी बच्ची को रस्सी के सहारे निकालने का असफल प्रयास किया ।
मोखला गांव रेतीला इलाका है और इन दिनों पूरे प्रदेश समेत मोखला गांव मे भी रुक-रुक कर वर्षा हो रही है. इसलिये बच्ची के सकुशल होने को लेकर गांव के लोग बेहद चिंतित थे. करीब तीन घंटे बाद ज़िला प्रशासन और बचाव दल के लोग गांव पहुंचे।
बचाव दल के लोगों ने सबसे पहले बोरवेल के गड्ढे में फंसी बच्ची को जीवनदायी आक्सीजन उपलब्ध करवाया. इसके बाद बोरवेल के समानांतर एक और गढ़्ढ़ा खोदा गया. उस गढ़्ढ़े में से सुरंग खोदकर खुशबू को बाहर निकाला गया. उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने इस नन्हीं सी जान को मृत घोषित कर दिया.
खुशबू की मौत की खबर पहुंचने के बाद से गांव में शोक और तनाव का माहौल है. गांव वालों का आरोप है कि अगर समय रहते प्रशासन और बचाव राहत के लोग गांव पहुंच जाते तो शायद खुशबू की जान बच जाती ।